सम्पादकीय

सेवा शुल्क पर सख्ती

Gulabi Jagat
25 May 2022 4:21 AM GMT
सेवा शुल्क पर सख्ती
x
भोजन या जलपान के लिए रेस्त्रां में जानेवाले ग्राहकों को कई बार तय कीमतों से अतिरिक्त अन्य शुल्कों का भुगतान करना पड़ता
भोजन या जलपान के लिए रेस्त्रां में जानेवाले ग्राहकों को कई बार तय कीमतों से अतिरिक्त अन्य शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है. मनमाने तरीके से सेवा शुल्क के नाम पर बिल में जोड़ी गयी इस रकम के भुगतान के लिए ग्राहकों पर दबाव भी बनाया जाता है. इस तरह का चलन पूरी तरह से गैरकानूनी है.
चूंकि, रोजाना के आधार पर बड़ी संख्या में रेस्त्रां-ग्राहकों को यह प्रभावित करता है और यह उपभोक्ता अधिकारों के खिलाफ भी है, ऐसे में इन मामलों की बारीक और विस्तृत पड़ताल आवश्यक है. उपभोक्ता मामले विभाग ने ऐसी शिकायतों के मद्देनजर आगामी दो जून को रेस्त्रां मालिकों के साथ एक बैठक प्रस्तावित की है.
विभाग ने नेशनल रेस्त्रां एसोसिएशन ऑफ इंडिया को भेजे गये पत्र में भी चेताया है कि रेस्त्रां और भोजनालय संचालकों द्वारा ग्राहकों से अनिवार्य तौर पर सेवा शुल्क की वसूली की जा रही है, जबकि इसके लिए स्वैच्छिक और उपभोक्ताओं के विवेक के आधार पर प्रावधान किये गये हैं. इन शुल्कों की वैधता को लेकर भी ग्राहकों को भ्रमित करने के प्रयास होते हैं.
बिल से इस शुल्क को हटाने के लिए अनुरोध करने पर ग्राहकों को परेशान किया जाता है, जो अनुचित और दंडनीय है. अप्रैल, 2017 में विभाग द्वारा जारी निर्देश की मानें, तो रेस्त्रां में ग्राहक का दाखिल होना, सेवा शुल्क की स्वीकृति का आधार नहीं बन सकता. सेवा शुल्क के लिए बाध्य करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनिम के तहत 'प्रतिबंधित व्यापारिक चलन' है.
ग्राहक की सहमति के बिना तय शुल्क के इतर किसी भी तरह से अतिरिक्त शुल्क की वसूली अनुचित है. इसके लिए ग्राहक उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग/ उपयुक्त क्षेत्राधिकार वाले फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. विभाग द्वारा चार अहम मुद्दों पर प्रस्तावित चर्चा विचारणीय है-
रेस्त्रां द्वारा वसूले जानेवाले सेवा शुल्क और उसकी अनिवार्यता तय किये जाने या किसी अन्य शुल्क के नाम पर बिल में इसे जोड़ने पर स्पष्ट रोक हो, इसके लिए उचित दिशा-निर्देश और कार्रवाई का तय होना आवश्यक है. सेवा शुल्क वैकल्पिक और स्वैच्छिक है, इस सूचना को उपभोक्ताओं से छिपाने और ग्राहक द्वारा सेवा शुल्क के भुगतान से इनकार करने पर उसे बाध्य करने पर कार्रवाई होनी चाहिए,
ताकि किसी तरह से उपभोक्ताओं का हित प्रभावित न हो. उपभोक्ता हितों को सुरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर शिकायत करने की व्यवस्था है. ग्राहकों को अपने हितों को लेकर सजग और सतर्क होना होगा.
बीते दिनों केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण द्वारा कैब संचालक शीर्ष कंपनियों को अनुचित रूप से सेवा शुल्क वसूलने और अनुचित व्यापारिक गतिविधियों के चलते नोटिस जारी किया गया था. सेवा या सुविधा शुल्क के नाम पर ग्राहकों के साथ ज्यादती न हो, इसके लिए फौरी तौर पर कार्रवाई की व्यवस्था हो, साथ ही आम जनमानस को भी अपने उपभोक्ता अधिकारों को लेकर सतर्क और जागरूक होने की जरूरत है.

प्रभात खबर के सौजन्य से सम्पादकीय
Next Story