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- कड़ाई और उदारता
अगर हम फिर लॉकडाउन जैसे हालात में पहुंच गए हैं, तो यह जितना दुखद है, उतना ही चिंताजनक भी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण में हो रही भयावह बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य सरकार ने राजधानी में छह दिनों के लॉकडाउन का एलान कर दिया है। चूंकि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर 30 फीसदी तक पहुंच गई है, इसलिए यह फैसला अपरिहार्य हो गया था। रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में 25,462 नए संक्रमितों का मिलना वाकई चिंता बढ़ा देता है। दिल्ली जैसी भारी आबादी वाले इलाकों में लोगों की सामान्य चहल-पहल को रोकना ही होगा। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि घर से निकलने वाले सारे लोग अब भी मास्क तक नहीं पहन रहे हैं। यहां तक कि सभी पुलिस वालों को भी बचाव की परवाह नहीं है। जहां पुलिस मास्क पहनने के लिए बाध्य कर रही है, चालान काट रही है, वहां भी लोग पुलिस से बहाने बनाने और लड़ने में पीछे नहीं हैं। ऐसे में, सरकार के पास कड़ाई से कफ्र्यू लगाने के सिवा क्या रास्ता बच जाता है? दिल्ली में मुख्यमंत्री और उप-राज्यपाल ने मिलकर जो फैसला लिया है, उसकी सराहना होनी चाहिए। तमाम राज्यों में शासन-प्रशासन को समन्वय के साथ अपने फैसले लेने चाहिए।