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- एक "सफल" योजना की कथा
लगभग दो तीन महीने पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पांच साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संदेश में कहा था कि इस योजना ने प्रकृति के प्रकोप से किसानों को बचाया है और करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचाया है। एक अन्य मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि फसल बीमा योजना के तहत दावा निपटारे की पारदर्शी प्रक्रिया, किसानों के कल्याण के लिए उनकी कोशिशों को दर्शाता है। लेकिन अब एक वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट ने इस योजना की कथित कामयाबी कलई खोली है। ये रिपोर्ट आरटीआई से हासिल आंकड़ों पर आधारित है। यानी खुद सरकारी आंकड़ों से ये कहानी उभरी है। इसके मुताबिक बीमा कंपनी एचडीएफसी एर्गो ने कम से कम 86 फीसदी और टाटा एआईजी ने तकरीबन 90 फीसदी से अधिक किसानों के क्लेम को खारिज कर दिया। रिलायंस जनरल ने 61 फीसदी से अधिक और यूनिवर्सल सोम्पो ने 72 फीसदी से अधिक फसल बीमा दावों को खारिज किया है।