सम्पादकीय

युद्ध रोकें

Subhi
10 March 2022 5:11 AM GMT
युद्ध रोकें
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यूक्रेन-रूस युद्ध को तेरह दिन से ज्यादा समय हो गया है! रूसी सेना एक के बाद एक यूक्रेनी शहरों को श्मशान भूमि में तब्दील करती जा रही है! कई परमाणु संयंत्र, तेल तथा गैस के डिपो, टीवी टावर आदि को नष्ट कर दिया है!

Written by जनसत्ता: यूक्रेन-रूस युद्ध को तेरह दिन से ज्यादा समय हो गया है! रूसी सेना एक के बाद एक यूक्रेनी शहरों को श्मशान भूमि में तब्दील करती जा रही है! कई परमाणु संयंत्र, तेल तथा गैस के डिपो, टीवी टावर आदि को नष्ट कर दिया है! कई शहरों पर रूसी सेनाओं ने कब्जा कर लिया है और अब वे यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे की तैयारी में हैं!

दोनों देशों में युद्ध का मुख्य कारण यूक्रेन द्वारा अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ संबंध बढ़ा कर नाटो का सदस्य बनने को लेकर है, जिसे रूस अपने खिलाफ मानता है! रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस में केस दाखिल कराया गया है, जिसका रूस ने बहिष्कार किया है! रूस तथा यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए तीन बार विफल बातचीत हो चुकी है, पर दोनों ही देश अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं!

इस बीच इस युद्ध का विश्व अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है! रूस यूरोप के कई देशों को गैस तथा तेल आपूर्ति करता है! रूस और यूक्रेन विश्व के कई देशों में गेहूं का निर्यात करते हैं! अगर यह युद्ध और लंबा चला तो तेल, गैस तथा गेहूं के दाम विश्व बाजार में आसमान को छूने लगेंगे!

इस युद्ध के कारण लाखों लोगों को यूक्रेन से पड़ोसी देशों में पलायन करना पड़ रहा है और डाक्टरी पढ़ रहे हजारों भारतीय विद्यार्थियों को अपनी जान जोखिम में डाल कर भारत वापस आना पड़ा है! इस बीच इस युद्ध को लेकर नाटो देशों में मतभेद होने शुरू हो गए हैं! फ्रांस के राष्ट्रपति ने रूस के सम्मान की रक्षा की बात कही है और जर्मनी ने इस युद्ध के कारण आने वाली कठिनाइयों का जिक्र किया है!

रूस को बढ़ते विश्व के दबाव को देखते हुए तथा यूक्रेन में सब तरफ होती तबाही के मद्देनजर युद्धविराम की घोषणा कर देनी चाहिए और अपनी सेनाएं यूक्रेन से वापस बुला लेनी चाहिए और यूक्रेन को भी रूस से वादा करना चाहिए कि वह कभी भी नाटो में शामिल होकर रूस के लिए खतरा पैदा नहीं करेगा।

संपादकीय 'युद्ध की मार' पढ़ा। आखिरकार रूस ने वही किया, जो वर्तमान हालात को देखते हुए नहीं होना था, क्योंकि विगत दो साल से संपूर्ण विश्व कोरोना की मार से बेहाल है। रूस ने आज आर्थिक रूप से त्रस्त चल रहे सभी देशों को मुसीबत में डाल दिया है। अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने से पहले ही उन्हें बेपटरी कर दिया। इन दोनों की वजह से महंगाई बढ़ सकती है, जिसका असर दिखाई भी दे रहा है। आज शांति की जरूरत है।


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