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- बंद करो सर्वे की...
अब विश्व के आश्चर्य ताजमहल का नंबर है। ऐतिहासिक कुतुबमीनार पर भी विवाद छिड़ चुका है और अदालत के विचाराधीन है। भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक 'लालकिला' में भी खुदाई और सर्वे की मांग उभर सकती है। आगरा की खूबसूरत इमारत 'फतेहपुर सीकरी' पर भी अतिवादी सवाल कर सकते हैं। देश की सबसे प्राचीन और भव्य 'मक्का मस्जिद' तेलंगाना के हैदराबाद में है। उसके संपूर्ण सर्वेक्षण की मांग जोर पकड़ सकती है। दरअसल जिस कालखंड के किस्से हमारे सामने आ रहे हैं, वह मध्यकालीन मुग़ल सल्तनत का दौर था। मुहम्मद गौरी, गज़नवी, सुल्तान शाह, शाहजहां और औरंगज़ेब सरीखे बादशाह आक्रांताओं ने हमारे असंख्य मंदिरों को ध्वस्त किया, उन्हें लूटा, मंदिरों के पुनर्निर्माण कराने वाले राजा-महाराजा भी इतिहास ने देखे हैं अथवा मुस्जिदों को चिनवाया गया। वह हिंदू संस्कृति और मुग़ल आतताइयों के दरमियान अस्तित्व के टकराव का भी दौर था। आगरा का 'ताजमहल' विश्व के अद्भुत आश्चर्यों में एक है। वह आज भारत की सांस्कृतिक पहचान और विश्व-धरोहर है। उसे मुग़ल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था अथवा उसकी मूल पहचान 'तेजोमहालय', आदि शिवलिंग के मंदिर, की है, इस पर इतिहासकार ढेरों किताबें लिख चुके हैं। सर्वमान्य तथ्य शाहजहां से जुड़ा है। फिल्में भी बनाई गई हैं। किताबों के निष्कर्ष परस्पर विरोधाभासी भी हैं। मौजूदा सच यह है कि 'ताजमहल' भारत की पहचान और उसका पर्याय है। दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष भारत के प्रवास पर आते हैं, तो 'ताजमहल' का सौंदर्य देखने जरूर जाते हैं। वह बेपनाह मुहब्बत की मिसाल भी है। यदि हम भारतीय ही 'ताजमहल' का सच कुरेदते रहेंगे और सवाल, सर्वे का शोर मचाते रहेंगे, तो दुनिया हमारी खिल्ली उड़ाएगी।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचली