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- पर्यावरण से खिलवाड़ हो...
बाय सच कहूं। बुधवार को हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर पहाड़ दरकने से हुए हादसे में 10 लोगों की मौत व 13 लोगों के घायल होने का दु:खद हादसा घटित हुआ। मलबे की चपेट में सवारियों से भरी एक बस भी आ गई है, जिसमें 60 से अधिक लोग बताए जा रहे हैं, जहां फिलहाल बचाव कार्य जारी हैं। इससे पहले जुलाई महीने में अनेक जगहों पर बादल फटे। लगता है कि बरसात के मौसम में भूस्खलन और बादल फटने से आने वाली बाढ़ के साथ रहना पर्वतवासियों की नियति बन चुका है। वर्ष 2013 में केदारनाथ और सात फरवरी, 2021 को चमोली जिले में रैणी व तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा और धौली गंगा में आई बाढ़ पहाड़ों के लिए प्रकृति के बड़े चेतावनी भरे संदेश थे। उत्तराखंड में इस साल की त्रासदी ज्यादातर बारहमासी सड़क के निर्माण और सड़कों के चौड़ीकरण से हो रही है।