- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- डुप्लीकेट खेल सामान की...

बहुत अरसे बाद एक बार फिर प्रदेश के शिक्षा संस्थानों में महाविद्यालय तो खुल गए हैं और अगले सप्ताह से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भी खुल सकते हैं। ऐसे में पिछले सत्र से बंद पड़ी खेल गतिविधियां भी शुरू हो ही जाएंगी। जब खेलेंं शिक्षा संस्थानों में शुरू होंगी तो खेल सामान की खरीद-फरोख्त भी शुरू हो जाएगी। वर्षों से शिक्षा संस्थानों द्वारा लाखों रुपए का खेल सामान हर सत्र में खरीदा जाता है, मगर अधिकतर यह सामान बहुत ही घटिया किस्म का होता है। जबकि अच्छे खेल प्रशिक्षण व प्रतियोगिता के लिए असली सामान का होना बहुत जरूरी होता है। ओलंपिक व अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में आज बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी व चिकित्सा के क्षेत्र में उन्नति हो रही है, वैसे-वैसे उत्तम आहार व उन्नत शारीरिक क्रियाओं से मानव के स्वास्थ्य में काफी ज्यादा सुधार हुआ है। जब स्वास्थ्य में सुधार होगा तो खेल परिणाम स्वाभाविक ही उत्कृष्ट होंगे। वैज्ञानिक युग में खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए खेल विज्ञान के विषयों एक्सरसाइज फिजोलोजी, बायो-मकैनिक्स, खेल-औषधि, खेल-मनोविज्ञान व खेल-एंथ्रोपोलॉजी आदि में काफी शोध हो रहा है।
