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- शेयर बाजार की उड़ान
आदित्य चोपड़ा: कोरोना के चलते देश की अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर चल रहा है लेकिन शेयर बाजार नई उड़ान भर रहा है। बम्बई शेयर बाजार का सेंसेक्स लगातार चौंका रहा है। यहां तक कि अति आशावादी भी इस तेज रफ्तार से हैरान हैं। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार शानदार मुकाम पर पहुंच गया। सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर खुला। इससे पहले इस वर्ष के शुरू में जनवरी महीने में ही सेंसेक्स ने 50 हजार का आंकड़ा पार कर लिया था। अगर निफ्टी की बात करें तो यह भी रिकार्ड बना रहा है। शेयर बाजार में सूचीबद्ध कम्पनियों का मार्केट कैप्टिल 261.73 लाख करोड़ के सर्वकालिक रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। निवेशकों को भी करोड़ों का फायदा हो रहा है। वैसे तो शेयर बाजार हमेशा राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय धारणाओं के अनुसार बहता है। निफ्टी बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज और रियल्टी स्टाक्स के अलावा मेटल इंडेक्स में भी तेजी रही। रियल्टी कम्पनियों के स्टाक्स तेजी का कोहराम मचा रहे हैं। हर बड़ी कम्पनी को लाभ हो रहा है। बाजार में तेजी के पीछे कुछ महीनों में विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ा है, जिस कारण निवेश बढ़ी कोरोना वैक्सीन की रफ्तार और कोरोना के घटते मामलों की वजह से निवेशकों का विश्वास लौट रहा है। अमेरिका के राष्ट्रीय बैंक फैडरेल रिजर्व ने भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, इसकी वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों में मूड पॉजिटिव है। इससे यह संकेत मिला है कि अभी अमेरिकी सरकार राहत पैकेज को वापिस लेने का कदम नहीं उठा रही है। यही कारण है कि बीते कुछे महीनों में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पूंजी का प्रवाह उम्मीद से बढ़कर हुआ है।रिजर्व बैंक की पिछले माह प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार घरेलू यूिनकार्न उद्यमों के आईपीओ के साथ पूंजी बाजार में उतरने से 2021 आईपीओ वर्ष बन सकता है। बाजार के बेहतर परिदृश्य के दृष्टिगत एफएमसीजी, रसायन, ऊर्जा, बीमा तथा बैंकिंग क्षेत्र की विभिन्न कम्पनियां भी आईपीओ के लिए तेजी से आगे बढ़ी हैं। इस वर्ष 50 से अधिक कम्पनियां भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ आवेदन जमा करा चुकी हैं। यह संख्या पिछले दो वर्षों के कुल आवेदनों से भी अधिक है। शेयर बाजार का यह चमकना परिदृश्य निवेशकों, उद्योग कारोबार और सरकार तीनों के लिए लाभप्रद है।संपादकीय :मोदी की सफल राष्ट्रसंघ यात्राहे कृष्णा तुम्हे आना ही होगा...कोर्ट शूटआउट के बाद...जातिगत जनगणना का अर्थ?अपने ही लोगों से बर्बरता क्यों?मोदी का 'अमेरिकी' महारथशेयर बाजार की छलांग से दशक में पहली बार भारत की लिस्टेड कम्पनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) देश के सकल घरेलू उत्पादन से ज्यादा हो गया है। इस लिहाज से बाजार पूंजीकरण और जीडीपी का अनुपात सौ फीसदी को पार कर गया है। अमेरिका, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, हांगकांग, आस्ट्रेलिया, स्ट्विजरलैंड जैसे विकसित देशों में भी यह अनुपात सौ फीसदी से अधिक है।देशभर के विशेषज्ञ बाजार के अच्छे विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए निवेश का सुझाव दे रहे हैं। भारत समेत दुनियाभर के केन्द्रीय बैंकों ने बाजार में बड़ी मात्रा में पूंजी डाली है। इस समय ब्याज दरें ऐतिहासिक रूप से नीचे हैं। अमेरिका के साथ भारत के अच्छे संबन्ध की सम्भावनाओं से भी निवेशकों की धारणा को बल मिला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी दौरे के दौरान वहां की टॉप कम्पनियों के सीईओ से बातचीत की तथा उन्हें निवेश के लिए भारत आमंत्रित भी किया। उन्होंने कहा कि वे भारत आकर वैक्सीन बनाएं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाएं निर्मूल समझी जा रही हैं और विकास दर बढ़ती दिखाई दे रही है। शेयर बाजार कोई जुआ घर नहीं है, बल्कि अर्थव्यवस्था की गति नापने का एक बैरोमीटर है। शेयर बाजार लम्बे समय से सुस्त था। अब कम्पनियों के शेयरों की बिक्री तेजी से बढ़ी है। उससे रिटेल निवेशकों का जोखिम भी बढ़ गया है। अतः रिटेल निवेशकों को बहुत सतर्क होकर चलना होगा। मोदी सरकार बीमा, बैंकिंग, बिजली और कर सुधारों की डगर पर तेजी बढ़ी है, उससे भी शेयर बाजार को गति मिली है। हम उम्मीद कर सकते हैं कि कोरोना से ध्वस्त उद्योग कारोबार सैक्टरों को प्रतिबिम्बित करने में शेयर बाजार प्रभावी भूमिका निभाएगा। हालांकि बाजार की यात्रा तेज उतार-चढ़ाव के साथ अल्पकालिक निवेशकों और कारोबारियों का परेशान करती रहती है लेकिन विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सेंसेक्स चार्ज कैप शेयरों और विशेष रूप से आईटी कम्पनियों में आमद के सहारे आगे भी नई ऊंचाइयों को छू सकता है।