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- आंकड़े बताते हैं कि...
संयम श्रीवास्तव।
अगर सरकारी आंकड़ों पर विश्वास करें तो देश के अमीर तबके की जिंदगी में बहार फिर से लौट आई है. गरीब की जिंदगी में भी खुशनुमा बयार के लक्षण दिखें हैं, पर मध्य आय वर्ग वालों के लिए अभी दुख की बदली छंटी नहीं है. इंडेक्स ऑफ कंज्यूमर सेंटीमेंट के आंकड़ों को देखकर कुछ ऐसा ही लगता है. उपभोक्ताओं की स्थिति दिखाने वाला यह इंडेक्स के अनुसार जून की तुलना में जुलाई में उच्च मध्य आय वर्ग में 10.7 फ़ीसदी का सुधार जरूर हुआ है. लेकिन अभी भी है लॉकडाउन से पहले की स्थिति का आधा भी नहीं पहुंचा है. यह अभी भी 53.01 है जबकि लॉकडाउन से पहले फरवरी 2020 में 105.30 के स्तर पर था. सीधा मतलब यह है कि अभी मध्यवर्ग को अपने रोजमर्रा की जीवनशैली के लिए जूझना पड़ रहा है. इनसे भी बुरा हाल मध्य मध्य आय वर्ग का रहा है, 2 से 5 लाख तक कमाने वाले इस आय वर्ग की कमाई में इजाफा सबसे कम हुआ है.