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- शिक्षा संस्थानों में...
पिछले दो सालों से कोरोना के कारण जहां स्कूली खेल पूरी तरह बंद रहे, वहीं पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व अन्य संस्थानों के विद्यार्थियों की खेल गतिविधियों आधी अधूरी खानापूर्ति के लिए तो हो गई थी। सुचारू रूप से खेल प्रशिक्षण व प्रतियोगिताओं को संचालित करने की आगामी सत्र में पूरी पूरी कोशिश रहनी चाहिए। अब जब विद्यालय व महाविद्यालय में विद्यार्थियों को बुला लिया गया है तो उनके सर्वांगीण विकास को देखते हुए सरकार को आगामी सत्र में खेल प्रशिक्षण व प्रतियोगिता आयोजित किए जाने के लिए अब जल्दी ही विद्यालय व महाविद्यालय स्तर पर कदम उठा लेने चाहिए। इसके लिए स्कूली क्रीड़ा संगठन, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय के खेल प्रशासकों को पहल कर आगे आना होगा, नहीं तो हिमाचली खिलाड़ी खेल, सांस्कृतिक व सुविधाओं के अभाव में पहले ही खेलों में पिछड़ा है, अगर यही व्यवस्था रही तो राज्य खेलों में और पीछे चला जाएगा। स्कूली स्तर पर तो कुछ खेलों के लिए चुनिंदा स्कूलों में कामलाऊ खेल छात्रावास हैं, मगर महाविद्यालय स्तर पर हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थी खिलाडि़यों के लिए खेल विंगों की व्यवस्था हो, इसके लिए पिछले कई दशकों से सरकारों को सुझाव दिए जाते रहे हैं, मगर आज तक किसी भी सरकार ने हिम्मत नहीं दिखाई है।
सोर्स- divyahimachal