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- कुछ अप्रत्याशित
आज हम कुछ चुनावी जनादेशों की बात करेंगे, क्योंकि वे अप्रत्याशित हैं। उप्र में आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी की बहुलता है। रामपुर में यह आबादी 50-55 फीसदी से ज्यादा है। आज़मगढ़ में मुस्लिम और यादव 50 फीसदी से अधिक हैं। फिलहाल भाजपा के पक्ष में कोई चुनावी लहर भी नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनावी करिश्मे यथावत हैं। भाजपा सरकार के सामने बेहद नाजुक और पेचीदा सवाल आज भी हैं। रोज़गार, महंगाई, युवा आक्रोश, बुलडोजर, किसानी संघर्ष आदि की स्थितियां अब भी हैं। ये दोनों लोकसभा क्षेत्र समाजवादियों के मजबूत गढ़ रहे हैं। औसतन मुस्लिम वोट आज भी मोदी और भाजपा के खिलाफ हैं। तो भाजपा ने आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटें कैसे जीत लीं? क्या अब मुसलमानों का एक तबका भाजपा की तरफ भी शिफ्ट हो रहा है? क्या अब मुसलमान भी प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रीय योजनाओं और गरीबोन्मुख कार्यक्रमों पर यकीन करने लगे हैं, क्योंकि हिस्सेदारी उन्हें भी मिल रही है? क्या मुसलमानों का एक तबका अब भाजपा को 'अछूत' नहीं मानेगा और इसी तरह जनादेश देकर भाजपा को भी मौका देगा? सारांश में आज़मगढ़ और रामपुर के जनादेशों को क्या 2024 के आम चुनाव का कोई स्पष्ट संकेत माना जा सकता है? मुख्यमंत्री योगी ने 2024 में उप्र की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का दावा किया है।
सोर्स- divyahimachal