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- ताकि सेहतमंद रहे हमारा...
अरुण कुमार। पिछले साल की आखिरी बेला में जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दूसरी तिमाही के आंकडे़ मुनादी कर रहे थे कि हमारी अर्थव्यवस्था महामारी की चोट से पार पाने में सफल हो रही है। तब सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि 2021-22 की दूसरी तिमाही में जीडीपी 35.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है, जो 2019-20 की समान तिमाही में 35.62 लाख करोड़ रुपये थी। बेशक, आज भी हमारी खपत और सरकारी खर्च रफ्तार नहीं पकड़ सके हैं, जिसके कारण हमारी अर्थव्यवस्था 2019 के स्तर के आसपास ही है, मगर पिछले दिनों इसमें जो तेजी दिख रही थी, उससे उम्मीद बढ़ चली थी कि जल्द ही लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाएगी। मगर कोरोना मानो फिर से अर्थव्यवस्था को निगलने के लिए तैयार बैठा है। ओमीक्रोन के सामुदायिक संक्रमण के बाद एक बार फिर आशंकाएं सिर उठाने लगी हैं।