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- स्मार्टफोन का सदुपयोग
स्मार्टफोन, टैब या डिजिटल तकनीक के मानव मस्तिष्क पर प्रभाव की पड़ताल लगातार चलती रही है। यह एक बड़ा सवाल है कि आधुनिक तकनीक के ये यंत्र क्या हमारी प्राकृतिक क्षमताओं को प्रभावित करने लगे हैं? सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी में हुए एक नए शोध के मुताबिक, स्मार्ट तकनीक से जुडे़ बहुत सारे नकारात्मक पक्ष हैं, पर इसके सुखद पक्ष भी हैं। चर्चा में रहने के बावजूद कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, जो यह दर्शाता हो कि स्मार्टफोन और डिजिटल तकनीक हमारी जैविक संज्ञानात्मक क्षमताओं को नुकसान पहुंचाती है। नेचर ह्यूमन बिहेवियर में प्रकाशित शोधपत्र में शोधकर्ताओं के समूह ने डिजिटल युग के विकास के बारे में विस्तार से बताया है। यह देखना महत्वपूर्ण है कि स्मार्ट तकनीक कैसे हमारी सोच की पूरक बनती है? कैसे हमें उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करती है? हम अपनी जैविक क्षमताओं को जिस तरह से बदलना चाहें, इसमें स्मार्टफोन या डिजिटल तकनीक हमारा सहयोग करती है। यह पूरी तरह से हम पर निर्भर करता है कि हम तकनीक की मदद से खुद को कैसे ढालना या बनाना चाहते हैं।