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पूरे देश की स्थिति नियंत्रण में लेकिन तनावपूर्ण है। पूरे देश में सेना गश्त लगा रही है तथा नित रोज अपना फ्लैग मार्च जारी रखे हुए है। हालात बिगड़े हुए और कर्फ्यू हाजिर है। गोया कर्फ्यू रामबाण हो, जो हालात बिगड़े और चला दिया। दंगाई आजकल कर्फ्यू को मानते ही नहीं। सेना फ्लैग मार्च करती रहती है, कर्फ्यू लगा रहता है और वे लोग आगजनी, हिंसा और लूटपाट का तांडव जारी रखते हैं। फिर अखबारों तथा मीडिया में यही आता रहता है-'हालात नियंत्रण में, लेकिन तनावपूर्ण हैं।' समझ में नहीं आता है कि यह तनाव कब तक चलेगा? कई बार यह भी लगता है कि अब तो तनाव ही चलेगा। चिंता इसलिए नहीं है कि हालात नियंत्रण में रहेंगे। फिर भी तनाव अपनी जगह बना हुआ है, इसलिए कर्फ्यू और निषेधाज्ञा भी जारी रहेगी। कर्फ्यू नहीं होता तो क्या हालात या स्थिति नियंत्रण में रहती? शायद नहीं, उस हालात में तो केवल तनाव होता। मैं और तनाव, डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक स्वास्थ्य के लिए सदैव घातक माना गया है। स्वास्थ्य रक्षा के लिए कर्फ्यू इस दृष्टि से अपने आप रामबाण बन जाता है।
सोर्स - divyahimachal
