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- उम्मीद के संकेत:...
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी दखल से उपजे विवाद के बाद सतही तौर पर शांति जरूर नजर आती है लेकिन तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है। विगत में इस तनाव को खत्म करने की दिशा में सैन्य कमांडरों की ग्यारह दौर की वार्ता हो चुकी है। एक समय सैनिकों के बीच टकराव के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। कूटनीतिक प्रयासों से स्थिति में सुधार अवश्य हुआ लेकिन स्थिति सामान्य नहीं हो पायी है। भारत चाहता है कि एलओसी पर अप्रैल, 2020 वाली स्थिति बहाल हो। इसी कड़ी में शनिवार को भारत व चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बारहवें दौर की बातचीत हुई, जो करीब नौ घंटे चली। बताते हैं कि इस सैन्य वार्ता में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले क्षेत्रों से सैनिकों की तत्काल वापसी की बात की गई। एलएसी पर चीन की तरफ स्थित मोल्डो सीमा बिंदु पर हुई वार्ता में तनाव के बिंदुओं पर शांति बहाली व सैनिकों की वापसी प्रक्रिया पर वार्तालाप हुआ, जिसमें पहले की तरह बिना किसी बाधा के पेट्रोलिंग को बहाल करने पर चर्चा हुई। वास्तविक स्थिति दोनों देशों के सैन्य व राजनीतिक नेतृत्व के विमर्श के बाद ही सामने आने की उम्मीद है। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि चीन भारत की घेराबंदी की चौतरफा कोशिश में लगा है। चीन व पाक की जुगलबंदी भारत के लिये नित नयी चुनौतियां पेश करती रहती हैं।