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- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर...
प्रधानमंत्री ने 13 दिसंबर को वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया और कहा कि इससे देश को एक निर्णायक दिशा मिलेगी। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 08 मार्च 2019 को किया था। 445 करोड़ रुपए की परियोजना को रिकॉर्ड समय दो वर्ष 9 माह नौ दिन में पूरा किया गया है। निर्माण के लिए 320 भवनों को क्रय किया गया जिसमें 498 करोड़ रुपए लागत आई। काशी विश्वनाथ मंदिर के वर्तमान स्वरूप का पुनर्निर्माण ढाई सौ वर्ष पूर्व इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने वर्ष 1780 में कराया था। वहीं वर्ष 1853 में महाराजा रणजीत सिंह ने काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर को स्वर्ण से मंडित करवाया था। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में तक़रीबन 400 मकानों, सैकड़ों मंदिरों और लोगों को कहीं और बसाना पड़ा है। विश्वनाथ मंदिर के काफी घनी आबादी में बने होने के कारण लगभग 400 संपत्तियों को ख़रीदा गया और लगभग 14 सौ लोगों को शहर में कहीं और बसाया गया। विश्वनाथ मंदिर का रास्ता संकरा न पड़ जाए, इसलिए ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने ज़मीन का एक टुकड़ा विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए दे दिया है। ज़मीन मस्जिद से कुछ ही दूरी पर है। यह देश में सहिष्णुता की मिसाल है और काबिलेतारीफ है। लगभग 2 साल 8 महीने में इस प्रोजेक्ट के 95 प्रतिशत काम को पूरा कर लिया गया है। वर्तमान में इस कॉरिडोर में 2600 मज़दूर और 300 इंजीनियर तीन शिफ़्टों में लगातार काम कर रहे हैं। इस कॉरिडोर को बनाने के दौरान जिन 400 मकानों को अधिग्रहित किया गया, प्रशासन के मुताबिक उससे काशी खंडोक्त 27 मंदिर, जबकि लगभग 127 दूसरे मंदिर प्राप्त हुए थे। कॉरिडोर में उन मंदिरों का भी संरक्षण किया जा रहा है।