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- पंजाब की घेराबंदी के...

केरल में एक गैर सरकारी संस्था रिलीफ एंड चैरीटेबल फाऊंडेशन के नाम से पिछले इक्कीस साल से काम कर रही है। संस्था गैर सरकारी है तो वह अपने क्रियाक्कलापों के लिए विदेशों से पैसा प्राप्त करती है। क्योंकि विदेशी संस्थाएं भारत में रिलीफ और चैरिटी को लेकर जरूरत से ज्यादा चिंतित रहती हैं, उनकी इस चिंता को इधर की कुछ गैर सरकारी संस्थाएं बख़ूबी समझती हैं। इसलिए एक संस्था देने वाली होती है और दूसरी संस्था लेने वाली हो जाती है। ज़ाहिर है नीतिगत निर्णय भी देने वाला ही करता है। लेने वाला तो अपना दाल-फुल्का चल पड़ने से ही प्रसन्न हो जाता है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि देने वाला ख़ुद भारत में लेने वालों की तलाश करता है, क्योंकि भारत में उसे अपना एजेंडा लागू करना है। ज़ाहिर है लेने वाले को मिल ही जाएंगे। रिलीफ एंड चैरिटेबल फाऊंडेशन भी लेने-देने के इस लक्ष्मी मार्ग पर चलते हुए काफी लंबे अरसे से कार्य कर रही है। यह अलग बात है कि यह संस्था भारत सरकार से भी चैरिटी के लिए पैसा लेती है।
