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- सिद्धू की अग्निपरीक्षा...

आखिर कांग्रेस नेतृत्व ने नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला कर लिया। इससे पिछले करीब दो महीने से पंजाब कांग्रेस में चल रही उथल-पुथल और अनिश्चितता दूर हुई है, लेकिन यह नया सवाल भी खड़ा हो गया है कि अनिश्चितता दूर करने की यह कोशिश कहीं पंजाब कांग्रेस में किसी और बड़े तूफान का कारण तो नहीं बन जाएगी। यह कोई छिपी बात नहीं है कि पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है। कैप्टन किसी भी सूरत में सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष पद पर नहीं देखना चाहते थे, पर सिद्धू उससे कम पर राजी नहीं थे। रविवार को जब यह लगभग तय हो गया कि सिद्धू प्रदेश अध्यक्ष होंगे, तब भी कैप्टन खेमे की तरफ से इस फैसले को रुकवाने की कोशिशें होती रहीं। वैसे भी नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की साथ में औपचारिक तस्वीर भी न आना बताता है कि कैप्टन इस फैसले के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर भले कुछ न कहें, पर इसे पचाना उनके लिए मुश्किल है।
