सम्पादकीय

क्या नई वैक्सीन की जगह मिक्स वैक्सीन को ही बूस्टर डोज के तौर पर लगाना चाहिए?

Gulabi Jagat
17 March 2022 8:46 AM GMT
क्या नई वैक्सीन की जगह मिक्स वैक्सीन को ही बूस्टर डोज के तौर पर लगाना चाहिए?
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देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान काफी तेजी से चल रहा है
पंकज कुमार।
देश में कोरोना (Corona) के खिलाफ टीकाकरण (Vaccination) अभियान काफी तेजी से चल रहा है. 12 से 14 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है. इसके साथ ही 60 से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना की बूस्टर डोज भी लगाई जा रही है. लोगों ने पहली और दूसरी डोज जिस वैक्सीन की लगवाई थी. बूस्टर डोज (Booster Dose) भी उसी वैक्सीन की लग रही है. इस बीच देश में मिक्स कोविड टीकों पर पहला वैज्ञानिक प्रमाण सामने आया है. इसमें बताया गया है कि जिन लोगों ने दोनों डोज कोवैक्सिन की ली है, अगर उन्हें तीसरी डोज कोविशील्ड की दी गई है, तो उनमें संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी छह गुना बढ़ जाती हैं.
हालांकि, अगर कोविशील्ड की दो खुराक वालों को कोवैक्सिन बूस्टर के रूप में दिया जाता है, तो एंटीबॉडी इतनी ज्यादा नहीं बढ़ती है.वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज ने टीकों के मिलान पर किए गए इस प्रारंभिक परिणाम की रिपोर्ट ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को सौंपी है. मिक्स वैक्सीन पर हुए इस अध्ययन के बीच अब कोरोना को लेकर चिंता भी बढ़ रही है. क्योंकि चीन, ब्रिटेन और हांगकांग में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
इसी प्रकार का एक अध्ययन कई महीनों पहले यूके में हो चुका है
इस बीच बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना टास्क फोर्स के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी. उन्होंने अधिकारियों को हाई अलर्ट बनाए रखने का निर्देश दिया है. सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों को संभावित नए रूपों का पता लगाने के लिए नमूनों की आक्रामक जीनोम अनुक्रमण करने का निर्देश दिया गया था. मांडविया ने स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से हॉटस्पॉट की शीघ्र पहचान के लिए निगरानी तेज करने को भी कहा है.
विदेशों में कोरोना के बढ़ते मामले और मिक्स वैक्सीनेशन को लेकर आई इस रिपोर्ट के बाद क्या अब हमें वैक्सीन की बूस्टर डोज को सभी लोगों को लगाना शुरू कर देना चाहिए, और क्या किसी नई वैक्सीन की जगह मिक्स वैक्सीन को ही बूस्टर डोज के रूप में लगाना चाहिए? इस बारे में स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ. अंशुमान कुमार का कहना है कि मिक्स वैक्सीन को लेकर यह जो जानकारी सामने आई है. इसी प्रकार का एक अध्ययन कई महीनों पहले यूके में हो चुका है. उस अध्ययन से पता चला था कि दो अलग-अलग वैक्सीन लगाना ज्यादा कारगर साबित हो सकता है.
यूके में हुए इस ट्रायल को करीब छह महीने पहले ही ऑक्सफोर्ड जनरल में प्रकाशित किया जा चुका है. इसके बाद एक वैश्विक संगठन बनाकर कई देशों से डाटा लिया गया था. उनकी स्टडी में भी इस बात की पुष्टि की गई थी कि मिक्स वैक्सीन लगाने से शरीर में एंटीबॉडी ज्यादा बनती है और ये संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में कारगर साबित हो सकता है.
मौजूदा वैक्सीन पर ही करें फोकस
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) द्वारा तीसरी खुराक के रूप में एक अलग टीका लगाने पर निर्णय लेने की उम्मीद है, लेकिन डॉ. अंशुमान का कहना है कि जब मिक्स वैक्सीन को लेकर बेहतर परिणाम मिल रहे हैं, तो हमें बूस्टर डोज के रूप में किसी नई वैक्सीन को लगाने से बचना चाहिए. नए टीकों को लगाने से ज्यादा बेहतर है कि मौजूदा वैक्सीन को ही मिक्स करके तीसरी खुराक के रूप में लगाया जाए. इससे नई वैक्सीन के किसी साइड इफेक्ट से भी बचाव हो सकेगा. साथ ही मौजूदा वैक्सीन की मिक्स खुराक लगाने से लोग परहेज भी नहीं करेंगे. फिलहाल देश में जैविक-ई के कॉर्बेवैक्स, भारत बायोटेक के इंट्रानैसल के मिश्रण के प्रभाव का भी अध्ययन कर रहा है. इन अध्ययनों से निकलने वाले आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि वैज्ञानिक अब 60 साल से कम उम्र के लोगों को बूस्टर डोज लगाने पर विचार कर रहे हैं.
यूनिवर्सल वैक्सीन बने
दिल्ली के राजीव गांधी हॉस्पिटल के कोविड नोडल अधिकारी डॉ. अजीत जैन का कहना है कि कोरोना का वायरस हमारे बीच ही मौजूद है. हो सकता है कि भविष्य में इसका कोई नया वेरिएंट आ जाए. इसलिए हमें यूनिवर्सल वैक्सीन की जरूरत है. एक ऐसी वैक्सीन होनी चाहिए जो कोरोना के सभी स्ट्रेन पर कारगर साबित हो. क्योंकि हमने देखा है कि वैक्सीन से भले ही हॉस्पिटलाइजेशन कम होता है, लेकिन ये संक्रमण के मामलों में कमी लाने में कामयाब नहीं है.
मिक्स वैक्सीनेशन शुरू करने की जरूरत
एक्सपर्ट्स की सलाह है कि सभी लोगों को जल्द से जल्द बूस्टर डोज लगे. जिससे कोरोना के किसी संभावित खतरे को काबू में किया जा सके. एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते हैं कि जिनको कोविशील्ड लगी है उन्हें बूस्टर डोज के रूप में कोवैक्सिन लगनी चाहिए और जिनको कोवैक्सिन लगी है उन्हें बूस्टर डोज के लिए विकल्प दिया जाए. मिक्स वैक्सीनेशन से लोगों में एंटीबॉडी का स्तर भी अधिक रहेगा. जिससे वह आसानी से कोरोना से लड़ सकेंगे. वक्त की जरूरत ये है कि अब देश में अब जल्द से जल्द मिक्स वैक्सीनेशन शुरू किया जाए.
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