सम्पादकीय

शिंदे की नई परीक्षा

Subhi
5 July 2022 3:07 AM GMT
शिंदे की नई परीक्षा
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महाराष्ट्र में पिछले करीब एक पखवाड़े से जारी राजनीतिक घटनाक्रम सोमवार को उस समय अपनी तार्किक परिणति तक पहुंच गया जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित कर दिया।

महाराष्ट्र में पिछले करीब एक पखवाड़े से जारी राजनीतिक घटनाक्रम सोमवार को उस समय अपनी तार्किक परिणति तक पहुंच गया जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित कर दिया। यह भी महत्वपूर्ण है कि बहुमत प्रस्ताव अच्छे खासे मार्जिन से पारित हुआ। इसके पक्ष में 164 वोट पड़े। विरोध में 99 वोट। हालांकि एक दिन पहले राहुल नार्वेकर के स्पीकर चुने जाने के साथ ही साफ हो गया था कि नई सरकार आसानी से बहुमत सिद्ध कर देगी। वैसे, 16 विधायकों की अयोग्यता का मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अगर उन विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है, तब भी शिंदे सरकार के बहुमत पर आंच नहीं आने वाली। यानी महाराष्ट्र में पिछले कुछ समय से जारी राजनीतिक अनिश्चितता का अंत हो गया है, लेकिन आगे चलकर प्रदेश में राजनीतिक संघर्ष और तेज होने वाला है। कुछ महीनों में राज्य में बीएमसी चुनाव होने वाले हैं, जिस पर लंबे वक्त से शिवसेना का कब्जा रहा है। इन चुनावों में एक तरफ उद्धव गुट, एनसीपी और कांग्रेस पूरी ताकत लगाएंगे तो बीजेपी भी शिंदे गुट के साथ मिलकर ठाकरे परिवार से बीएमसी छीनने की कोशिश करेगी। राज्य की सत्ता जाने के बाद इन चुनावों में उद्धव गुट, एनसीपी और कांग्रेस की एकता का भी इम्तहान होगा। एक इम्तहान बीजेपी का भी होगा। पार्टी के पिछले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस सरकार में उप-मुख्यमंत्री बनाए गए हैं।

कहा जा रहा है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के कहने पर न चाहते हुए भी उन्होंने यह भूमिका स्वीकार की है। उद्धव सरकार को गिराने की योजना से भी उन्हें बाहर रखे जाने की बात कही गई। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को यह देखना होगा कि प्रदेश इकाई में अंदरूनी संघर्ष ना छिड़े। राज्य में पिछली बार जब बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनी थी, तब अंदरूनी लड़ाई काफी तेज रही थी। महाराष्ट्र की राजनीति में लंबी अवधि में भी बड़े बदलाव आएंगे। वहां हिंदुत्व की सियासत को लेकर एक तरफ बीजेपी, एकनाथ शिंदे और दूसरी ओर उद्धव ठाकरे होंगे। यह सवाल भी अपनी जगह बना हुआ है कि एकनाथ शिंदे और बीजेपी का अलायंस भविष्य में क्या शक्ल अख्तियार करता है? बीजेपी के लिए 2024 लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी महाराष्ट्र की बड़ी अहमियत है। यूपी के बाद सबसे अधिक लोकसभा सीटें वहीं से आती हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी की राजनीति के केंद्र में यही बात रहेगी। दूसरी ओर, सरकार से बाहर होने के बाद एनसीपी, उद्धव और कांग्रेस के सामने अपना जनाधार बनाए रखने का चैलेंज होगा। उद्धव के अलावा कांग्रेस की मुश्किल बड़ी है, जो पूरे देश में लगातार कमजोर होती जा रही है। कुल मिलाकर, महाराष्ट्र के पॉलिटिकल थ्रिलर में अभी बहुत कुछ होना बाकी है।


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