सम्पादकीय

शिमला की लक्ष्मण रेखा पर

Gulabi Jagat
28 March 2022 5:15 AM GMT
शिमला की लक्ष्मण रेखा पर
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हिमाचल में अपनी पलकें धो रही आम आदमी पार्टी का सारा दारोमदार भले ही पंजाब की ऐतिहासिक जीत पर निर्भर कर रहा है
By: दिव्याहिमाचल।
हिमाचल में अपनी पलकें धो रही आम आदमी पार्टी का सारा दारोमदार भले ही पंजाब की ऐतिहासिक जीत पर निर्भर कर रहा है, लेकिन सबसे बड़ी लक्ष्मण रेखा शिमला नगर निगम चुनाव को लेकर रहेगी। पंजाब की जीत से पहले चंडीगढ़ नगर निगम और गुजरात चुनाव के द्वार पर सूरत नगर निगम में आप का प्रदर्शन जिस तरह बांसुरी बजाता रहा, उसे देखते हुए हिमाचल विधानसभा के आगामी चुनाव से पूर्व पार्टी को शिमला की बिसात पर अपना दांव खेलना ही पड़ेगा। कांग्रेस और भाजपा इस दिशा में स्पष्ट हैं और इसी के परिप्रेक्ष्य में राजनीतिक हलचल शुरू हुई है। हिमाचल का चुनावी मूड इससे पूर्व चार उपचुनावों में जाहिर हो चुका है, लेकिन अब राजधानी शिमला सीधे तय करेगा कि प्रदेश के मुद्दे, सामाजिक रुख, बुद्धिजीवी संवेदना, हिमाचली अधिकारों की तड़प, सरकार का प्रदर्शन, सुशासन और प्राथमिकताएं कितनी खरी व कितनी खोटी रहीं। शिमला राजनीति के सुर, सुगबुगाहट, संप्रेषण और संवाद को जिस हद तक समझेगा, कमोबेश उसी हिसाब से प्रदेश की चिंताओं का प्रकटीकरण भी होगा। शिमला अपने भीतर राज्य का तापमान लिए शिरकत करता है, तो सरकारी फाइलों के जन्म व मृत्यु में अंतर भी देखता है। यहां कई हिमाचल, कई क्षेत्र और बनते-बिगड़ते संतुलनों के मुहावरे चरितार्थ होते हैं, तो नित नई कसौटियां गढ़ी जाती हंै। सरकार के सारे बजट जिस विधानसभा से बाहर निकलते हैं, तो वहां विधायकों, मंत्रियों व सरकार के प्रदर्शन की ऋतुएं खोजी जाती हैं। यह उम्मीदों का शहर है और नागरिक समाज के उद्बोधन का मंच भी इसलिए शिमला नगर निगम चुनाव का मंचन, राजनीति का साधन व साध्य बन कर कांग्रेस, भाजपा के साथ आप की हैसियत भी देखेगा।
भले ही इस समय राजनीति के सारे मदारी आप की डुगडुगी पीट रहे हों या स्वार्थ की बोली में नेता बिक रहे हों, लेकिन हिमाचल का श्रीगणेश यूं ही तीसरा फ्रंट नहीं बन जाएगा। इससे पहले शिमला की राजनीतिक अनिवार्यता को अंगीकार करते हुए 'आप' को अपना जिगर दिखाना होगा। बेशक मंडी की रैली में हवाओं के रुख आप के समर्थन में बहते हुए देखे जाएं या केजरीवाल को हिमाचल में उतरने का आह्वान करें, लेकिन सियासत के बिखरे सिक्के अगर चुनने हैं, तो सबसे पहले निचली पायदान पर मेहनत करनी होगी। आप को अपने संगठन को शक्ल और साबित करने के लिए स्थानीय निकायों की शरण में जाना ही होगा। इसमें दो राय नहीं कि स्थानीय निकाय चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों की बढ़ती उपस्थिति से दोनों प्रमुख पार्टियों के घोषित-अघोषित उम्मीदवारों से आगे निकलने का उन्माद बढ़ा है। शिमला पार्टियों के चुनाव चिन्ह से अलग भी रहे, लेकिन राजनीतिक शिनाख्त और गणना से नहीं बचा जा सकता। पिछले नगर निगम चुनावों में दोनों पार्टियों ने लगभग बराबरी पर मुकाबला किया था, फिर भी विपक्ष और सत्ता की चुनावी शैलियों में अलग-अलग तरह का बिखराव देखने को मिला है। स्वाभाविक तौर पर आप को एक शहरी पार्टी के रूप में आंका गया है और इसकी कार्यशैली की यह विशेषता भी रही कि यह बौद्धिक अवलोकन में लीक से हटकर खड़ी है। ऐसे में हैरानी यह कि आम आदमी पार्टी अपनी पहली रेस में शिमला नगर निगम चुनाव से कहीं दूर खड़ी प्रतीत हो रही है और अभी तक ऐसे स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं कि राजधानी से अभियान की शुरुआत होगी। पार्टी की मंडी रैली एक विस्तृत आकार की भूमिका में जरूर शिरकत कर रही है, लेकिन परिवर्तन के मूड की पहली परख शिमला में होगी। शिमला में युवा कांग्रेस ने नगर निगम की मिट्टी को गूंथना शुरू किया है, तो भाजपा के अलावा वामपंथी भी इस रिवायत का परचम खोल चुके हैं।
शिमला की विभिन्न योजनाओं में जान फंूकती सरकार, यह सुनिश्चित करना चाहती है कि स्मार्टसिटी परियोजनाएं वक्त के साथ आंखें खोल देंगी। शिमला चुनाव के मुआयने जिन जिरहों पर आधारित होंगे, उनमें से सबसे बड़ा मुद्दा यह भी रहेगा कि शहरी आय को बढ़ाने के लिए हिमाचल क्या कर रहा है। शिमला चुनाव की परतों में पूरा शहरीकरण अपनी व्याख्या चाहता है, खासतौर पर नए नगर निगमों के आर्थिक हाल पर भी समीक्षा हो सकती है। इसमें दो राय नहीं कि वर्तमान जयराम सरकार ने एकमुश्त तीन नए नगर निगम बना दिए, लेकिन शहरी विकास के ये फार्मूले जबर्दस्त हस्तक्षेप चाहते हैं। शहरी मानसिकता में पल रहा पूरा हिमाचल अपनी सुविधाओं के लिए कई परिवर्तन व आवश्यक ढांचा चाहता है, तो विकास के पथ पर शहरीकरण को लेकर विस्तृत विवेचन की जरूरत है। शिमला में राजधानी विकास क्षेत्र की तर्ज पर सोलन तक जमीन अगर मापी जाती है, तो सियासत के पास कहने, करने और वादा निभाने का एक बड़ा मॉडल चाहिए। क्या दिल्ली का दिल जीतने वाली आप, हिमाचल से पहले शिमला का दिल जीत कर कुछ नया कर पाएगी।
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