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- उसने कहा था, वह कभी...
प्रियदर्शन। मार्कस जुकास के उपन्यास 'द बुक थीफ़' में मौत भी एक किरदार है. वही पार्श्व में खड़े होकर जैसे पूरी कहानी कह रही है. 1940 के दशक के जर्मनी में विमानों से गिराए गए बमों से तहस-नहस और सपाट हो गई एक बस्ती में वह घूम रही है. उपन्यास का एक चरित्र रूडी स्टीनर भी इस हमले में नहीं रहा है. वह उसकी आत्मा में वह झांक कर देखती है और पाती है कि उसमें काले रंग से रंगा एक एक लड़का है जो खुद को जेसी ओवंस पुकारता है. मौत कहती है- यह लड़का मुझमें कुछ कर देता है, मुझे रुला देता है. जब हम सब कोरोना के क़हर से उबरने की राहत भरी उम्मीद कर रहे थे, तभी मौत ने बताया कि वह रूप बदल-बदल कर हमले कर सकती है. उसने सीधे दिल पर वार किया और हम सबकी दोस्त, कलाकार, अलबेली अपराजिता शर्मा को एक झटके से उठा कर ले गई. लेकिन जब उसने अपराजिता की आत्मा देखी होगी तो वह भी शायद रो पड़ी होगी- उसमें उसे कई रंगों वाली अलबेली मिली होगी और अलबेली की वे असंख्य सहेलियां जिनके आंसुओं में सोशल मीडिया डूबा हुआ होगा.