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- गदगद फैसलों की छांव
हिमाचल सरकार के सौहार्द को प्रमाणित करती मंत्रिमंडल की बैठक और बैठक की हर सुर्खी पूरे प्रदेश का रंग रोगन कर रही है। फैसलों के अपने-अपने फलक होते हैं, लेकिन वर्तमान राजनीति के दर्पण लोककल्याण के नए प्रतिबिंब दिखाते हैं। मंत्रिमंडल के काफी निर्णय नए नहीं हैं, फिर भी इनकी प्रस्तुति और आजमाइश जब सामने आएगी, तो न भूतो-न भविष्यति की अनुगूंज में राजनीति अपना कद दिखाएगी। वरना बिना मांग के औरतों के लिए सरकारी बसों का किराया आधा करना किस गणित के हिसाब से राज्य को प्रतिष्ठित करेगा, लेकिन अब तो तसदीक हो गया कि महिला शक्ति को सरकार प्रणाम कर रही है। राजनीति में गदगद होना एक तरह का अधिकार है और चुनाव से पूर्व ऐसे दृष्टांत सामने आते हैं। इसलिए एचआरटीसी की बसें अब महिलाओं का सबसे प्रिय वाहन होगा। ऐसे में उन बेचारों का क्या होगा जो निजी रूप से बसों का संचालन करते हैं। अगर महिलाएं सरकारी बसों में चली गईं, तो साथ में कई रिश्ते-नातों से एचआरटीसी आक्यूपेंसी बढ़ा सकती हैं। इसलिए आधे किराए के बावजूद सरकारी बसें अधिक कमा सकती हैं, लेकिन इस निर्णय का एक दूसरा पक्ष है जो निजी बस मालिकों को अचंभित कर रहा है और इसीलिए वे ऐसे फैसले का अदालती तोड़ चाहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी की व्यवस्था भी सरकार की उदारता का परचम ऊंचा करती है।
सोर्स- divyahimachal