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दोवर्ष से अधिक समय से जारी कोरोना का चिंताजनक साया एक बार मंडराने लगा है
दोवर्ष से अधिक समय से जारी कोरोना का चिंताजनक साया एक बार मंडराने लगा है. इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ हुई अहम बैठक में कहा है कि हमें सतर्क रहना है. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि कोविड की चुनौती अब भी बरकरार है. उल्लेखनीय है कि अनेक पश्चिमी देशों में कोरोना वायरस के विभिन्न वैरिएंट संक्रमण बढ़ा रहे हैं. चीन में कुछ इलाकों में कई दिनों से लॉकडाउन चल रहा है. बीते चौबीस घंटों में संक्रमण के 2927 नये मामले सामने आये हैं तथा 32 लोगों की मौत हुई है.
हालांकि, अभी जो संक्रमितों की संख्या है, वह कुल संक्रमण का 0.04 प्रतिशत ही है तथा ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.75 प्रतिशत है, लेकिन इस वैश्विक महामारी की पहली, दूसरी और तीसरी लहर के अनुभवों से हम जानते हैं कि यदि सावधानी और निगरानी में चूक हुई, तो स्थिति बिगड़ सकती है. सनद रहे, हमारे देश में अब तक कोरोना वायरस से 4.30 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 5.23 लाख से अधिक जानें जा चुकी हैं. केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती निर्देशों में राज्यों से कहा है कि जिन क्षेत्रों में अधिक संक्रमण है, वहां अतिरिक्त निगरानी रहे तथा संक्रमितों के नमूनों का वैज्ञानिक परीक्षण होता रहे, ताकि वायरस के बारे में जानकारी मिलती रहे.
एक तो पहले के अनुभवों से हमारे पास तैयारी बहुत अच्छी है तथा टीकाकरण अभियान भी सफलता के साथ आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने उचित ही कहा है कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि देश की 96 फीसदी आबादी को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है तथा 15 साल की आयु से अधिक 85 फीसदी लोग दोनों खुराक ले चुके हैं. इसके अलावा बूस्टर डोज देने तथा 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को भी टीका लगाने का सिलसिला चल रहा है. यह भी गौरव की बात है कि हमारे टीकाकरण में देश में ही निर्मित टीकों का उपयोग हो रहा है. दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण के लिए खुराक की व्यवस्था करने के साथ भारत ने लगभग सौ देशों को 100 मिलियन खुराक भी भेजी हैं.
इसके साथ प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि 150 देशों को दवाओं और मेडिकल साजो-सामान की भी आपूर्ति की गयी है. इस प्रकार, भारत कोरोना महामारी के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई में अग्रणी भूमिका में है. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अन्य देशों की तुलना में भारत इस महामारी की रोकथाम में अधिक सफल रहा है. इन उपलब्धियों को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि हम लापरवाह न हों. यह बात जितनी शासन-प्रशासन पर लागू होती है, उतनी ही हर व्यक्ति पर. कई जगहों पर फिर से मास्क लगाना अनिवार्य किया जा रहा है. हमें मास्क लगाने और साफ-सफाई रखने में कोताही नहीं करनी चाहिए. महामारी पर जीत के लिए सावधानी बरतना जरूरी है.
प्रभात खबर के सौजन्य से सम्पादकीय
Tagsshadow of corona
Gulabi Jagat
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