- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- कालेजों में यौन...
देश की राजधानी में स्थित नामचीन यूनिवर्सिटी जेएनयू की आंतरिक शिकायत समिति ने यौन उत्पीडऩ पर काउंसिलिंग सत्र के आयोजन पर एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि यौन उत्पीडऩ से बचने के लिए महिलाओं को जानना चाहिए कि पुरुष दोस्तों के साथ कैसे दायरा बनाना है। छात्राओं के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इसे महिला-विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग की है। यह सर्कुलर विवादों का हिस्सा बन रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस सर्कुलर में कहा गया है कि यौन उत्पीडऩ के मामले में महिलाओं को खुद ही अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। इसमें कहा गया कि महिलाओं को यह पता होना चाहिए कि इस तरह के उत्पीडऩ से बचने के लिए उन्हें अपने पुरुष दोस्तों के बीच वास्तविक रेखा कैसे खींचनी है? सर्कुलर में कहा गया, 'आईसीसी के समक्ष ऐसे कई मामले आए हैं, जहां करीबी दोस्तों के बीच यौन उत्पीडऩ हुआ है।' इसमें कहा गया है कि जुड़े पक्ष आमतौर पर जाने-अनजाने दोस्ती और यौन उत्पीडऩ के बीच की महीन रेखा को लांघ देते हैं। इस सर्कुलर ने हमारा ध्यान एक बार फिर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में न रिपोर्ट होने वाले यौन शोषण और उत्पीडऩ पर दिलाया है। हमें याद है कि मीटू आंदोलन के दौरान शिक्षा क्षेत्र में होने वाले लैंगिक शोषण के कई मुद्दे सामने आए थे। राजधानी में रेखा (बदला हुआ नाम) नामक एक छात्रा ने तो एक पूरी लिस्ट सार्वजनिक की थी जिसमें कैंपस से जुड़े उन लोगों का नाम था जिन्होंने कथित तौर पर छात्राओं के साथ गलत व्यवहार किया था