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- आत्मनिर्भर सेना

नववर्ष की सबको बधाई। इसके आगमन पर हर कोई खुशियां मना रहा है और कामना है कि यह वर्ष बीते दो बरसों की तरह न हो जिसमें कोरोना ने दुखद अनुभव लिए, पर इस बार भी ओमिक्रॉन की दस्तक से पूरा विश्व एक बार फिर सकते में है। सोशल मीडिया और स्वास्थ्य संस्थाओं ने इस महामारी के कहर से होने वाली तबाही के बारे में चेतावनी देना शुरू कर दी हैं। यह भी मानना है कि यह वायरस कोरोना से भी खतरनाक है और इसका बचाव भी अभी तक वही माना जा रहा है जो कोरोना का था। तो मास्क पहनना और 2 गज दूरी रखना ऐसे प्रतीत होता है कि यह हमारे जीवन का अभी एक हिस्सा बनता जा रहा है। चेतावनी के अनुसार बचाव रखना तो ठीक है, पर राजनीतिक पार्टियां इससे ज्यादा सजग नहीं दिख रहीं। मात्र एक चेतावनी के रूप में पोस्टर में लिख दिया जाता है कि 'फलां राजनीतिक पार्टी की होने वाली रैली में कोरोना वायरस नियमों का पालन करें', और इसके बाद शायद राजनीतिक पार्टियों की जिम्मेदारी खत्म। लाखों की भीड़ जिस तरह से रैलियों में दिखाई दे रही है और चुनाव टालने की बात को खारिज किया जा रहा है, इससे जाहिर है कि आने वाले दो-तीन महीनों में जैसे ही चुनाव खत्म होगा, इस वायरस के भयावह परिणाम आम जनता को देखने को मिलेंगे और एक बार फिर जो पिछले 2 साल से आम जनता जिस पीड़ा, शोषण और अमानवता से गुजरी है, उस सबसे दोबारा पाला पड़ने वाला है।
