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- रक्षा उत्पादन में...
डॉ. प्रदीप कुमार राय। राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मसलों के लिए जब हम अन्य शक्तिशाली राष्ट्रों पर निर्भर रहते हैं तो प्राय: अत्यधिक मूल्य भुगतान के बावजूद भी हमें दोयम दर्जे की सैन्य तकनीकी प्राप्त होती है। साथ ही प्रौद्योगिकी स्थानांतरण से भी वंचित रह जाते हैं। इस प्रकार राष्ट्र राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के प्रति निरंतर कमजोर होता चला जाता है। आज के अत्याधुनिक परिवेश में जहां युद्ध में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ड्रोन तकनीकी में क्रांति, रोबोटिक्स का बढ़ता चलन, नैनो तकनीकी दक्षता एवं सूचना तथा संचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हो रहे हैं तब हम पुरानी पीढ़ी के आयुधों को रखकर शुतुरमुर्गीय आचरण का ही परिचय देंगे। जाहिर है आधुनिक सैन्य उपकरणों में आत्मनिर्भरता के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन के साथ नेक्स्ट जेनरेशन तकनीक पर आज कार्य करने की महती आवश्यकता है।