- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- आत्म-चिंतन
हम लोग इन दिनों आत्म-मंथन कर रहे हैं। हाईकमान का आदेश था कि यह आत्म-मंथन का समय है, सो चल रहा था आत्म-मंथन। मैंने भी आत्म-मंथन किया-खूब किया, लेकिन पार्टी के हारने का सूत्र हाथ नहीं लगा। बस, मोटी बात यही समझ में आई कि मैं कहीं गलती पर नहीं था अथवा यह बात सामने आई कि गठबंधन वाले दल हार जाते तो मेरी पार्टी आसानी से चुनाव में जीत सकती थी। वैसे मैं तो चुनाव जीत गया था, इसलिए मुझे आत्म-चिंतन की आवश्यकता भी नहीं थी, लेकिन पार्टी की हार को हमने सामूहिक जिम्मेवारी के रूप में स्वीकार किया था, इसलिए लाजमी तौर पर आत्म-चिंतन करना पड़ रहा था। जिन दिनों मैं आत्म-चिंतन में डूबा हुआ था, उन्हीं दिनों नई सरकार बन रही थी। हमने कोई टिप्पणी नहीं की और सरकार को बन जाने दिया। चाहते तो हम बोल सकते थे कुछ भी। लेकिन यह सोचकर कि पार्टी की ताजा-ताजा हार हुई है, इसलिए कुछ भी नहीं बोला तथा सभी लोग आत्म-चिंतन करते रहे।