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- प्रदेश में स्वरोजगार...

एक समय था, जब युवा पढ़-लिख कर सरकारी क्षेत्र में ही रोज़गार के अवसर तलाशते थे, क्योंकि निजी क्षेत्र में अवसर कम थे व सरकारी नौकरी प्राप्त करना एक सम्मान की बात होती थी। धीरे-धीरे सरकारी रोज़गार के अवसर कम होते गए व प्रतिस्पर्धा बढ़ती गई। आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, बहु-तकनीकी संस्थानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों व निजी क्षेत्र के प्रशिक्षण संस्थानों में ऐसे अनेक व्यवसायों में प्रशिक्षण दिया जाता है, जिनके लिए आगे चलकर या तो निजी क्षेत्र में ही जगह है अथवा प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं का उद्यम स्थापित किया जा सकता है। सरकारी क्षेत्र में इन व्यवसायों में प्रशिक्षण प्राप्त कर नौकरी नहीं पाई जा सकती। गत 7-8 सालों में युवाओं का निजी क्षेत्र में अथवा स्वरोज़गार स्थापित करने के प्रति रुझान बढ़ा है। आई.आई.टी जैसे शीर्ष संस्थानों से पढ़कर युवा ''स्टार्ट-अप'' शुरू करने में दिलचस्पी ले रहे हैं। आज भारत में 80 से अधिक ''यूनिकॉर्न'' स्टार्ट-अप शुरू हो चुके हैं। ''यूनिकॉर्न'' ऐसी स्टार्ट-अप कम्पनियां होती हैं, जिनका मूल्य एक बिलियन डॉलर से अधिक होता है। स्वरोज़गार के प्रति युवाओं को आकर्षित करना सरकार की मजबूरी भी कही जा सकती है, क्योंकि सभी पढ़े-लिखे युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान नहीं की जा सकती। पढ़-लिख कर अपना ''स्टार्ट-अप'' शुरू करने के प्रति भी युवाओं की दिलचस्पी बढ़ रही है।