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- Sedition Law: कानून की...
भारतीय राष्ट्र राज्य संप्रभु सत्ता है। व्यक्ति की तरह राष्ट्र राज्य की भी अस्मिता है। राष्ट्र को भी आत्मरक्षा के अधिकार हैं। भारतीय दंड संहिता यानी आइपीसी की धारा-121, 121ए, 122, 123, 124 व 124ए में राजद्रोह से निपटने की व्यवस्था है। इनमें से 124ए के दुरुपयोग और खात्मे पर बहस चल रही है। इस कानून में उल्लेख है, 'जो कोई बोले गए, लिखे गए शब्दों या संकेतों या दृश्यरूपण द्वारा या अन्यथा भारत में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा या अवमान पैदा करेगा, या पैदा करने की कोशिश करेगा। अप्रीति का प्रसार करेगा, प्रयत्न करेगा वह तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक, जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकेगा या जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा।Ó सर्वोच्च न्यायपीठ ने इस कानून के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 'सरकार ने अनेक पुराने कानून रद किए हैं। गांधी व तिलक के विरुद्ध भी इस कानून का दुरुपयोग हुआ है। क्या स्वतंत्रता के बाद भी इस कानून की जरूरत है?Ó कानून का दुरुपयोग बेशक गंभीर बात है, लेकिन कानून की आवश्यकता भी विचारणीय है। आवश्यकता से ही कानून का जन्म होता है। कानूनों में संशोधन और निरसन भी राष्ट्र की आवश्यकता के कारण ही होते हैं। कानून का मसौदा विधेयक पेश करते समय प्रस्तावित विधि के उद्देश्य और कारण बताए जाते हैं।