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- फैसला वापसी का राज़
मोदी सरकार अपने कदम वापस नहीं लेती- इस छवि के विपरीत जाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में भारी कटौती का अपना फैसला वापस ले लिया। हैरतअंगेज यह है कि इसे सीधे इसी रूप में पेश करने के बजाय वित्त मंत्री ने पहले घोषित फैसले को निगरानी के अभाव में लिया गया निर्णय करार दिया। बहरहाल, ये बात किसी से नहीं छिपी है कि इस मामले में सरकार ने इतनी संवेदनशीलता इसलिए दिखाई कि इससे प्रभावित तबका वो है, जो 'नरेंद्र मोदी परिघटना' का बुनियादी आधार है। उसके विरोध को नजरअंदाज करना सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी रूप से नुकसानदेह साबित हो सकता था। उसकी चुनावी गणना में ये तबके की नाराजगी वैसी नहीं है, जैसी अब लगभग छह महीने से आंदोलन चला रहे किसानों की है। इस सिलसिले में इस बात का उल्लेख जरूर किया जाना चाहिए कि बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती कोई एकबारगी लिया गया फैसला नहीं था।