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- दूसरा आर्थिक मदद
आदित्य चोपड़ा| वित्तमन्त्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के उद्देश्य से जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है उसका मुख्य आयाम मौद्रिक स्तर पर विभिन्न उद्योग-धंधों को कर्जों या ऋणों की सुलभता उपलब्ध कराना लगता है, जिससे अपनी चालू पूंजीगत आवश्यकताओं की आपूर्ति करके ये उद्योग अपनी वाणिज्यिक गतिविधियों को जारी रख सकें परन्तु सवाल उठना वाजिब है कि छोटे या मंझोले उद्योगों में क्या इतनी ताकत बची है कि ये और ऋण लेकर अपना काम आगे जारी रख सकें? मुख्य रूप से वित्तमन्त्री ने स्वास्थ्य व पर्यटन और निर्यात क्षेत्र को मजबूत करने के लिए ऋण सेवाएं उपलब्ध कराने के इन्तजाम बांधे हैं। कुल 6.28 लाख करोड़ रुपए के मदद पैकेज में पिछली घोषणाओं के आर्थिक अवयव भी शामिल कर लिये गये हैं। ताजा तौर पर कुल पैकेज में से केवल 20 हजार करोड़ रुपए की धनराशि ही सरकारी खजाने से सीधे बाजार में जायेगी शेष धनराशि मौद्रिक आधार पर मदद के लिए बैंकों की मार्फत उपलब्ध होगी।