- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- गुनाहों का समंदर IAS...

x
करियर के शुरुआती दौर में ही जब पूजा सिंघल खूंटी की डीसी थी
Surjit Singh
आइएएस पूजा सिंघल (IAS Puja Singhal). वर्ष 2000 बैच की आइएएस. नौकरी के जितने साल, उससे अधिक विवाद. सरकार चाहे किसी भी दल की हो, पूजा सिंघल का रूतबा कभी कम नहीं रहा. सबके करीब. रघुवर के भी करीब रही और अब हेमंत के राज में भी सरकार की प्रिय बन गई. ब्यूरोक्रेसी के लोग उन्हें "हर फन में माहिर" बताते हैं. तो क्या झारखंड कैडर की आइएएस पूजा सिंघल (IAS Puja Singhal) को गुनाहों का "समंदर" कहा जा सकता है? शायद हां. पूजा सिंघल के दामन में घोटाले के जितने दाग हैं, जितने विवाद जुड़े हैं, शायद ही कोई दूसरा IAS ऐसा हो.
खूंटी में डीसी थी तो घोटाला किया
करियर के शुरुआती दौर में ही जब पूजा सिंघल खूंटी की डीसी थी, तब वहां करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया. खूंटी में कुल 16 प्राथमिकी दर्ज की गई. जिला अभियंता रामबिनोद सिंह जेल गये. उनकी नौकरी गई. पर पूजा सिंघल पर आंच नहीं आयी. विभागीय जांच कमेटी की रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दिया गया. सिर्फ यह लिखा गयाः "किसी भी घोटाले की शुरुआत अवैध तरीके से दिये गये आदेश से ही होती है." किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इस मामले में पूजा सिंघल को बचाने के लिये कैसे-कैसे कुकर्म हुए, वह इस तथ्य से समझा जा सकता है कि तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा का जांच से संबंधित आदेश निगरानी ब्यूरो (अब एंटी करप्शन ब्यूरो) तक पहुंचा ही नहीं. अर्जुन मुंडा ने सभी मामलों की जांच के आदेश दिये थे और निगरानी तक पहुंचा सिर्फ दो मामलों की जांच करने का आदेश. इस मामले की जांच ईडी कर रही है.
चतरा में एनजीओ को दे दिये 6 करोड़ रुपये
चतरा में डीसी रहते पूजा सिंघल ने मनरेगा योजना से दो एनजीओ को 6 करोड़ रूपये दिये. वेलफेयर प्वाइंट नाम के एनजीओ को चार करोड़ और दो करोड़ रुपये प्रेरणा निकेतन नाम के एनजीओ को. दोनों को मुसली उत्पादन के नाम पर यह राशि दी गयी. मनरेगा में मुसली उत्पादन का काम नहीं होता. पूजा सिंघल अगस्त 2007 से जून 2008 डीसी थी. इस मामले को विधायक विनोद सिंह ने मामले को उठाया था. सरकार ने जांच कराने की बात कही थी. इस मामले में भी पूजा सिंघल को सरकार के अफसरों ने क्लीनचीट दे दी. हालांकि ईडी ने हाइकोर्ट में दिये हलफनामे में कहा है कि वह इस मामले को देख रहे हैं.
सूई से हमला हो गया
खूंटी डीसी बनने से पहले IAS पूजा चतरा जिला में डीसी पद पर पदस्थापित थीं. अचानक से एक दिन उनके मोबाइल से सीनियर आइएएस-आइपीएस अफसरों को हैरान करने वाले मैसेज भेजे गये. फिर दूसरे दिन पता चला कि उन्होंने जहर खा लिया है. आनन-फानन में उन्हें रांची के इरबा स्थित अपोलो अस्पताल (अब मेदांता) में भर्ती कराया गया. जहां उनकी जान बची. बाद में सरकार के अफसरों ने मीडिया के जरिये ऑफ द रिकॉर्ड यह खबर फैलायी कि नक्सलियों ने चतरा डीसी पर जहरीली सूई से हमला किया था. सरकार भी चुप रह गई. पूजा सिंघल को किसी तरह की कार्रवाई से बचा लिया गया.

Rani Sahu
Next Story