- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- सोशल मीडिया पर शिकंजा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| इस साल 25 फरवरी को घोषित नए आईटी कानूनों को लागू करने के सवाल पर केंद्र सरकार और सोशल मीडिया कंपनियां आमने-सामने हैं। वॉट्सऐप तो इन कानूनों के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक और निजता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए इनके खिलाफ कोर्ट चला गया है। ट्विटर ने अदालत की शरण भले न ली हो, लेकिन एक बयान जारी कर कहा है कि वह इन कानूनों के उन प्रावधानों में बदलाव की वकालत करता रहेगा, जो अभिव्यक्ति की आजादी में बाधा डालते हैं। अन्य सोशल मीडिया कंपनियों ने कानून का पालन करने की मंशा जरूर जताई है, लेकिन वे भी अलग-अलग तरीकों से यह संकेत दे रही हैं कि इन कानूनों का पालन करने में काफी मुश्किलें हैं। जहां तक सरकार की बात है तो उसने अपना कड़ा रुख कायम रखते हुए वॉट्सऐप की आपत्तियों का तत्काल जवाब दिया। उसका कहना है कि लोगों के निजता के अधिकार का वह भी सम्मान करती है, लेकिन कोई भी अधिकार संपूर्ण नहीं होता। उसका कहना है कि एंड-टु-एंड एनक्रिप्शन भंग होने की जो बात वॉट्सऐप कह रहा है, वह आम यूजर्स के केस में वैसे भी लागू नहीं होती।