सम्पादकीय

व्यंग्य: 'कैटीक्की' शादी में कॉलोनी के अब्दुल्ले दीवाने..!

Gulabi
16 Dec 2021 5:05 AM GMT
व्यंग्य: कैटीक्की शादी में कॉलोनी के अब्दुल्ले दीवाने..!
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लॉकडाउन में जो दो चीजें कोरोना की पीड़ा के अलावा सबसे ज्यादा हुई
लॉकडाउन में जो दो चीजें कोरोना की पीड़ा के अलावा सबसे ज्यादा हुई हैं वो हैं शादियां और बच्चों का जन्म। गोया कि जीवन के ये सबसे महत्वपूर्ण दो पड़ाव ऐसी ही इत्मीनान वाली छुट्टियों का इंतजार कर रहे थे। आखिर सब देखभाल कर करेंगे भई। ऐसे ही थोड़े न। तो अपने कैटरीना और विक्की भी वैवाहिक जीवन की ओर कदम बढ़ा गए हैं। बीच में भांजी मारी मुए कोरोना के ओमीक्रॉन नाम के विलन ने।
अब भाई, हीरो है हीरोइन है तो विलेन का होना तो बनता है न। अब इतने हैप्पनिंग समय में इतने हैप्पनिंग जोड़े की, इतनी हैप्पनिंग शादी हो और उसकी चर्चा न हो तो क्या खाक हैप्पनिंग एंडिंग... मतलब हैप्पी एंडिंग होगी! इसलिए जब से अखबारों और न्यूज़ चैनल्स ने बिना इनविटेशन शादी के वेन्यू से लेकर विक्की के दूर के, चाचा के, साले के परिवार के एक्साइटमेंट और मेहमानों की लिस्ट से लेकर मेन्यू तक की ब्रेकिंग न्यूज़ बनानी शुरू की थी। तबसे इस आम की कॉलोनी के लोगों की ज़िंदगी भी 'मेंटोज' जिंदगी बन गई थी। भई, पेट मे भरपेट खाना हो, सिर पर
छत का आसरा हो और खुद की जिंदगी में कोई एक्साइटमेंट न बचा हो तो गॉसिप का अनलिमिटेड पैक सुकून और एक्साइटमेंट दोनों का जुगाड़ कर देता है। फिर जब वो गॉसिप किसी ऐसी घटना से जुड़ी हो जिसमें मसाला ही मसाला हो कहने ही क्या। सो इस आम सी लेकिन खुद को खास से बिल्कुल नीचे न समझने वाली कॉलोनी में भी कुछ ऐसी ही चर्चा जोरों पर थी।
तो जी, ग्रैंड वेडिंग वाले जोड़े की लिस्ट में शामिल होने जा रहे हैं विक्की कौशल और कैटरीना कैफ यानी 'कैटीक्की'। हम तो यही नाम रखेंगे जी। हमारी कैटरीना छोरों से कम है के? और ये नाम लगता भी कितना प्यारा सा है। बिल्कुल छोले-टिक्की की माफिक। स्वाद और रस से भरा। मानो कैटरीना वाले आम के रस की कुछ बूंदें यहां भी छलक गई हों। यूं कहने को भले ही विक्की कौशल के फिल्मी करियर से कहीं ज्यादा लम्बा समय कटरीना को हिंदी प्रैक्टिस करते हुए हो चला हो पर लड़की ने कभी घमंड नहीं किया।
ऐसा परसों इसी कॉलोनी वाली एक आंटी अपनी छत से चिल्लाते हुए सामने की छत पर धूप सेकती खड़ी दूसरी आंटी से कह रही थीं। भले ही चाहे इधर वाली आंटी की लड़की घर की पाबंदियों से तंग आकर मैराथन जैसी भागी थी घर से और फिर एक अदद लड़का जीत कर ही घर आई। या फिर उधर वाली आंटी के लाड़ के लड्डू ने अपनी ही बहन की सहेली को छेड़ने के बाद उसकी चप्पलों से अपनी सेवा करवाई थी, ये अलहदा बात है। फिलहाल की चिंता तो कैटरीना के ब्याह की है।
तो भई, इधर वाली आंटी को चिंता हुई कि छोरी (कैटरीना के लिए फिलहाल पूरे समय अभी यही सम्बोधन मान लेते हैं। क्योंकि वो भी हमारी बहन-बेटी ही है) तो बहुत ही गोरी है लेकिन छोरा (यानी विक्की) सांवला। तो छोरा निकला 'लक्की'। लेकिन उधर वाली आंटी ने दिलासा दिया- 'अरे चिंता मत करो अपना छोरा अच्छा कमाता है। वैसे भी लड़कों का रूप थोड़े ही देखा जाता है। तो छोरी ही लक्की है।'
आंटियों की चर्चा को सुन रहे गट्टू भैया जिन्होंने कुछ समय पहले ही शहर के एक बड़े नेता के, पीए के, भाई के, साले के, बेटे के, दोस्त के साथ छुटभैय्ये नेता होने का खाता खोला था और इसके बावजूद पिछले हफ्ते तमाम सिग्नल्स देने के बाद कॉलोनी की कैटरीना अपनी शादी में इनवाइट करते हुए कह गई- 'भैया, आप तो इतने बड़े नेता हैं। थोड़ा घर आकर पापा की मदद कर देंगे तो बहुत सपोर्ट हो जाएगा।
आपके रहने से पापा को हिम्मत भी मिल जाएगी।' और गट्टू भैया ने अच्छे भैया की तरफ विदाई तक मजाल है जो लघुशंका के लिए तक मोहलत मांगी हो। बतौर इनाम जाते-जाते कैटरीना मतलब भैया की कैटरीना (असली नाम तो भैया को अब पता चला कि बिंदिया था) भैया के गले लग कर भी इतना रोई, इतना रोई की भैया अब तक लाल रंग पर पीले दिल और नीले फूल बने रुमाल से आंखें और नाक पोंछते जा रहे हैं। तो गट्टू भैया का दुख और घाव दोनों ताजे थे, सो आंटियों की चर्चा सुनकर उन्होंने गहरी सांस लेते हुए बस इतना कहा- 'बिचारे भाईजान।'
सिर पर छबड़ी रखकर अदरक बेचने वाली अम्मा भी थोड़े से प्राकृतिक विटामिन को अपने नाम करते हुए धूप के एक टुकड़े की तरफ बढ़ीं, जमीन पर बैठते हुए और इस चर्चा में शामिल होते हुए बोलीं- 'इत्ती मेंगी (महंगी) सादी हो री हे। मामेरा करने में कित्ती मुस्किल आएगी जब। बिचारा मायका का लोग तो जनम भर देता ही रे।'
तभी कॉलोनी में हर बात को 'मैं हूं ना' की जिम्मेदारी से सहेजने वाले, ताऊजी जो अब तक अखबार के पीछे से महिलाओं की बातों का रस ले रहे थे। पेज -3 पर सजे एक अभिनेत्री के बोल्ड फोटो को धीरे से फोल्ड करते हुए बोले-'अरे इतना सिक्योरिटी सिक्योरिटी चिल्ला रहे हैं भाई। हमारे जिम्मे छोड़ते सुरक्छा का इंजाम।
वो भोपाल वाले जमाई साहब की बिटिया की शादी में ऐसा वीआईपी इंजाम किया था कि बाराती तक बिना जांच के अंदर नही आ पाए थे।' 'तुम तो रहने ही दो', पीछे से अलगनी पर कपड़े डाल रही ताईजी बोलीं- 'ऐसा वीआईपी इंतजाम था कि स्टेज से लोग गिफ्ट उड़ा ले गए और 25 लोग जाने किसकी तरफ से आकर खाना खा गए। वो तो अगर हमारे भाई ने चतुराई नही दिखाई होती तो सारा खर्चा तुम्हारे ही सिर था।' ताऊजी इतना सुनकर फिर पेपर में अभिनेत्री के फोटो के पीछे दुबक गए।
दोपहर का वक्त था और राजनीति में खुद को चाणक्य समझने वाले चाचा, जिनका काम पूरे दिन सिर्फ तेज आवाज में कॉलोनी में घूमते हुए तमाम नेताओं और मीडिया से अपने सम्पर्कों की लाइव कमेंट्री करने का था, (ये कई बार समझ नहीं आता था फोन के दूसरी तरफ वाला क्या सो जाता था या फिर इतना खो जाता था कि चाचा बिना ब्रेक बोलते थे) वो अपने बनियान को पेट से ऊपर की ओर फोल्ड करके पेट सहलाते हुए बोले-'अपने पास तो सब न्यूज़ पहले से ही थी।
विक्की और कैट को भी मालूम ही नहीं था कि वो शादी करेंगे लेकिन हमको पता था। हमने ही उनको बताया।' पास खड़ी फुरसती भाभी ने चुटकी ली-'तब तो आपको भी बुलाया होगा, है न अंकल जी।' और अचानक चाचा के फोन में नेटवर्क की दिक्कत आने लगी और किसी बहुत इम्पोर्टेन्ट व्यक्ति का फोन अटैंड करने वो अपने घर में वापस चले गए।
इधर भाभी मन में हिसाब लगा रही थीं। इतनी सुंदर है कटरीना और विक्की भी कितना हैंडसम है। इन लोगों का अच्छा है। सब कितना फिल्मी होता है लेकिन असली भी। ख्वाहिश तो हमारी भी हीरो पाने की थी। उन्होंने बाइक साफ करते अधेड़ और गंजे होते भैया की तरफ देखा। हम तो सुंदर भी दिखते हैं और दहेज.... फिर उन्हें याद आया कि उनके बहुत कम बोलने वाले पतिदेव ने शादी के पहले ही अपने परिवार के खिलाफ जाते हुए कह दिया था- मैं इतना कमाता हूँ कि आपकी बेटी को कभी तकलीफ नहीं होने दूंगा। ये दहेज वहेज नहीं चाहिए।
और अपने माता-पिता से लाख गालियां खाने के बावजूद उन्होंने वाकई भाभी को कभी कोई कमी नहीं होने दी। और ये ध्यान आते ही भाभी को विक्की कौशल से ज्यादा हैंडसम दिखने लगे और वो आज डिनर में भैया की पसन्द की सब्जी बनाने के इरादे से गुनगुनाते हुए किचन की ओर चल दीं।
धूप अब विदा लेने को थी। अदरक वाली अम्मा भी अपने आज के बचे माल को बेचने के इरादे से कदम बढ़ा चुकी थी। उसको मालूम था कि यहां तो रोज पानी पीने के लिए कुआं खोदना है। खाली बातों से पेट तो भरना नहीं। गट्टू भैया भी नई कैटरीना की तरफ मूव ऑन करने के बारे में सोचते सोचते सड़क पर मौजूद पान की दुकान की ओर चल दिये। दोनों आंटियों के पास भी अब कोई मुद्दा बचा नहीं था तो उन्होंने जोड़ों के दर्द और पालक-बथुए के सूप के बारे में डिस्कशन करना शुरू कर दिया।
कॉलोनी अब ढलती शाम के रूटीन की ओर कदम बढ़ा रही थी। जहां घरों में बच्चों की किलकारी शांति भंग कर रही थी, सब्जी काटने और आटा गूंथने के साथ महीने के आखिरी दिनों में बजट को फिट बैठाए जाने का गणित शुरू हो चुका था और एक घर में टीवी पर एक एंकर चीख चीख कर कह रहा था-'ये देखिये विक्की और कैटरीना की शादी का आलीशान वेन्यू।
यहां राजसी ठाठ बाट के साथ फेरे लेगा जोड़ा। सुना है संगीत के लिए फेमस विदेशी ऑर्केस्ट्रा बुलाया गया है और सजावट के लिए इटली से फूल आ रहे हैं। हमारे साथ बने रहिये। एक्सक्लूसिव ताजा जानकारी के लिए। केवल हमारे चैनल पर पल पल की जानकारी कैटरीना और विक्की के परिणय की।'
और तभी 6 साल के बिट्टू ने चैनल बदलते हुए अपना मनपसन्द कार्टून लगा लिया।
अमर उजाला
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