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- रूस पर प्रतिबंध
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते युद्ध की विश्व पर पड़ती-बढ़ती आंच से बहुत कुछ तपने लगा है। युद्ध का निरंतर खतरनाक होते जाना न केवल दुखद, बल्कि मानवता के लिए शर्मनाक भी है। बड़ी शक्तियों के बीच प्रत्यक्ष-परोक्ष संघर्ष का जो सिलसिला चल निकला है, पूरी दुनिया को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। रूस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई से बच रहा नया अमेरिका प्रतिबंधों से नकेल कसता चला जा रहा है। अब रूस को गहराई से नुकसान पहुंचाने के लिए अमेरिका ने वहां से तेल-गैस आयात को रोक दिया है। अगर अमेरिका तेल-गैस को रूस की अर्थव्यवस्था की मुख्य धमनी मानता है, तो फिर क्या वह यह कदम पहले नहीं उठा सकता था? ऐसे जरूरी प्रतिबंध के लिए अमेरिका को भला 12 दिन क्यों इंतजार करना पड़ा? क्या अमेरिका रूसी तेल-गैस पर निर्भर हो गया था या युद्ध रोकने से ज्यादा उसे तेल-गैस की चाहत थी? खैर, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ कह दिया है कि वह रूसी तेल, गैस और ऊर्जा के सभी आयातों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, तो यकीन मानिए, रूस इस युद्ध को और तीखा कर देगा, ताकि जल्दी से जल्दी अपने मकसद तक पहुंच सके। अमेरिकी कदम दूरगामी रूप से रूस को जरूर नुकसान पहुंचाएगा, लेकिन तात्कालिक रूप से प्रतिउत्पादक भी साबित हो सकता है।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान