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- यूपी में फिर वही
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में एक बार फिर पुलिस की लापरवाही और पीड़िता के परिजनों के साथ निष्ठुरता की कहानी दोहराई गई है। हालांकि मुख्य अभियुक्त और मंदिर के पुजारी को गिरफ्तार कर लिया गया, लकिन उसमें इतनी देर लगाई गई कि पुलिस के नजरिए को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए। साथ ही इस घटना ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। गौरतलब है कि बदायूं जिले के उघैती थाना क्षेत्र के मेवली गांव में मंदिर गई 50 वर्षीय एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। महिला के परिजनों ने मंदिर के पुजारी सत्यनारायण और उनके दो साथियों पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया। बाद में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। लापरवाही के आरोप में उघैती थाने के थानाध्यक्ष निलंबित करना पड़ा। लेकिन उसके बावजूद कई सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब नहीं मिला है।