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- वीर सावरकर को चहुं...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विनायक दामोदर सावरकर स्वाधीनता संग्राम के एक ऐसे नायक थे जिन्होंने अपने प्रयासों से राष्ट्रवाद की विचारधारा को एक नई दिशा दी। वीर सावरकर में एक क्रांतिकारी, मजबूत राजनेता, समर्पित समाज सुधारक और दार्शनिक तथा महान कवि होने के साथ-साथ एक महान इतिहास के गुण समान रूप से विद्यमान थे। ऐसे महान व्यक्तित्व का चित्र उत्तर प्रदेश विधान परिषद में चित्र लगाए जाने को लेकर कांग्रेस द्वारा आपत्ति जताना उसे ही शर्मसार कर देने वाला है।
कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने विधान परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनके चित्र को हटाने की मांग की है तो समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि जरूरत है ऐसे मामलों पर बहस हो। कांग्रेस पार्षद ने तो यहां तक कह दिया है कि सावरकर का चित्र लगाना आजादी के नायकों का अपमान है। इस चित्र को हटाकर भाजपा संसदीय कार्यालय में लगवा दिया जाए। वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस का ऐतराज कोई नया नहीं है।
इससे पहले भी भाजपा की सावरकर को भारत रत्न देने की मांग का जमकर विरोध किया था। उत्तर प्रदेश में रंगों की सियासत के बाद अब चित्रों पर सियासत देखने को मिल रही है। हालांकि कांग्रेस की इस आपत्ति से सरकार के रुख पर कोई फर्क पड़ता दिखाई नहीं देता लेकिन आजादी की लड़ाई और राष्ट्रवाद का ताना-बाना साथ में लेकर सरकार को घेरने की एक कोशिश जरूर है।