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दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की मानवता का सभी मंदिर-मस्जिद अनुसरण करें तो क्या बात
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की मानवता का सभी मंदिर-मस्जिद अनुसरण करें तो क्या बात है। समय-समय पर जब भी देश में कोई आपदा आई तो सबसे आगे सिख युवक और आरएसएस के स्वयंसेवक नजर आते हैं। इनकी सेवा भावना की मिसाल है। यही नहीं गुरुद्वारों में सेवा, सफाई, अनुशासन नजर आता है तो मेरा हमेशा का मानना है हर धार्मिक स्थान को इसका अनुसरण करना चाहिए तो हमारा देश एक सुरक्षित सेवा भाव वाला स्थान बन जाएगा।
जैसे कि मैं वरिष्ठ नागरिकों और जरूरतमंद लड़कियों के लिए काम करती हूं, आए दिन मेरे पास ऐसे केस आते हैं, जिन्हें टेस्ट, इलाज, डायलिसिस की जरूरत होती है। मैं आप सबके सहयोग से जो भी आप द्वारा सहायता आती है उन सबकी मदद करने की कोशिश करती हूं।
हर महीने जरूरतमंद को आर्थिक सहायता आैर जरूरत का सामान दिया जाता है दानी सज्जनों के सहयोग द्वारा। मैं भी कितनों की मदद कर सकती हूं, 2000 महीना, 3000 महीना या 5000 महीना, वो भी अब कोरोना के समय मुश्किल हो रहा है, क्योंकि सारा देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे समय में सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने जो कदम उठाया है वह सराहनीय है। मैं चाहती हूं ऐसे ही सारे मंदिरों और मस्जिदों की भी प्रबंधक कमेटी बन जाए। सारा चढ़ावा एक जगह इकट्ठा हो और मानवता के कामों में लगाया जाना चाहिए।
गुरुद्वारा बंगला साहिब में एमआरआई, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंट तथा एक्स-रे सिर्फ पचास रुपये में किये जाने का ऐलान गुरुद्वारा कमेटी ने किया है। बीमार लोगों को और उनके परिजनों को अच्छा इलाज मिल सके, उन्हें अस्पतालों में एमआरआई टेस्ट के लिए धक्के न खाने पड़े इस काम के लिए मैं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा और उनकी टीम को बधाई देती हूं।
एमआरआई टेस्ट बाजार में लगभग आठ हजार रुपये का है। दो दिन पहले ही बंगला साहिब गुरुद्वारे में डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू किया गया है। गुरुद्वारा कमेटी पहले ही मानवता को समर्पित है और देशभर के गुरुद्वारे महान सिख गुरु नानक देव जी की लंगर प्रथा को आज भी बड़ी शुद्धता के साथ निभा रहे हैं। अब बीमारों के इलाज के लिए यह सस्ती इलाज सुविधा अर्थात टेस्टिंग प्रदान कर गुरुद्वारा कमेटी ने सचमुच मानवता का एक और बड़ा उदाहरण स्थापित किया है।
हालांकि कमेटी के लोग बराबर इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह सुविधा अलग-अलग कैटेगरी में उन लोगों के लिए ज्यादा कारगर होगी जिन्हें इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है और वे पैसे नहीं दे सकते। यह भी बहुत अच्छी बात है फिर भी जो लोग खर्च कर सकते हैं उनके लिए अलग कैटेगरी है। सिरसा बताते हैं कि एमआरआई मशीन की कीमत लगभग दस करोड़ रुपये है जिसे कमेटी ने लोगों के सहयोग से लगाया है। दिल्ली जहां कोरोना का खौफ है हालांकि वैक्सीन भी आ चुकी है परंतु इस सबके बीच यह सबसे बड़ी खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई कि पचास रुपये में एमआरआई कराई जा सकती है।
जरूरतमंदों के लिए यह बड़ी अच्छी बात है। इस कदम से जरूरतमंद और गरीबों को सचमुच बहुत लाभ होगा और वैसे भी बड़े-बड़े अस्पताल चाहे वह सरकारी ही क्यों न हो वहां लोगों को इलाज या अपरेशन या फिर टेस्टिंग तक के लिए महीनों लग जाते हैं। अब महज पचास रुपये देकर गरीब आदमी इलाज करा रहा है या बीमारी का पता लगा रहा है, इसे सच्चे गुरु महाराज की कृपा कहिये कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गरीबों के आंसू पोंछने का एक ऐसा काम किया है जो पूरी दुनिया में उदाहरण है। जो पैसा देने की स्थिति में न हो उसके लिए कमेटी के लोग फैसला करेंगे।
खुशी इस बात की है कि कोई तो है जो जरूरतमंदों के लिए सोचता है। अलग-अलग लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी बातें शेयर करते हुए बड़े-बड़े नामी-गिरामी अस्पतालों का उल्लेख करते हुए किस तरह महीनों इंतजार करने के बावजूद टेस्टिंग न होने की बातें लिखी हैं परंतु यहां अब लोग कह रहे हैं कि हम पैसा खर्च सकते हैं फिर भी हमें रियायत मिल रही है और समय पर टेस्टिंग हो रही है तो हमें और क्या चाहिए।
सबसे बड़ी बात है कि गुरु महाराज की कृपा से टेस्टिंग कराने वाले लोग जब गुरुद्वारे में आते हैं तो फीस भी कम और अटूट लंगर में वे सब भोजन छकते हैं। इससे बड़ा पुण्य का काम और क्या हो सकता है जो मानवता की सेवा करते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कर रही है। मानवता की सेवा ही सच्चा सौदा है। यही एक धर्म है। यही सिख धर्म की पहचान है और यही सिख धर्म की महानता है कि यह कौम जरूरतमंदों की सेवा करने में कभी पीछे नहीं रहती। सचमुच महान सिख गुरुओं की शिक्षाओं पर चलकर गरीबों के सच्चे मसीहा बनकर उनकी सेवा करने वाली इस कौम को सलाम है और महान सिख गुरुओं को एक बार फिर से हमारी कलम का कोटि-कोटि नमन है।
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