सम्पादकीय

एसएसबी की वर्तमान हालत पर दुख होता है…

Rani Sahu
5 April 2022 5:29 PM GMT
एसएसबी की वर्तमान हालत पर दुख होता है…
x
सैन्य प्रशिक्षण पर विचार हो, 15 मार्च को दिव्य हिमाचल में यह लेख विचारणीय है

सैन्य प्रशिक्षण पर विचार हो, 15 मार्च को दिव्य हिमाचल में यह लेख विचारणीय है। हमारे देश की एक विशेषता है कि जब दुख चारों ओर छाने लगते हैं और हम घिर जाते हैं तो ऐसे विचार उठते हैं। हम जागकर कुछ ऐसा सोचते तो हैं, परंतु कर कुछ नहीं पाते। वर्ष 1962 में उत्पन्न हुई ऐसी ही स्थिति से पैदा हुई एसएसबी संस्था का भी कुछ ऐसा ही हाल हो गया। मुझे भी उस संस्था में कुछ समय कार्यरत रहने का अवसर मिला था जिससे प्राप्त अनुभवों के आधार पर एक पुस्तक 'मैं और मेरी एसएसबी' सन् 2018 में प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक अन्य पुस्तकों के नीचे दबकर कहीं दफन हो गई लगती है। लेकिन विचार हैं जो मुसीबत में घिर कर उठते तो हैं और भविष्य में भी उठते ही रहेंगे। हम कभी जागेंगे और फिर जागे ही रहेंगे, यह तो समय ही बताएगा।

-रविंद्र सिंह ठाकुर, शोघी, शिमला




Next Story