- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- Russia Ukraine War :...
x
राष्ट्रपति जेलेंस्की जैसा युद्ध-कालीन नेता चाहिए
मेधा दत्ता यादव।
यूक्रेन (Ukraine) में युद्ध अपने चरम पर है और बाकी दुनिया ट्विटर और टिकटॉक के माध्यम से रूस के इस आक्रमण को देख रही है. इसी के साथ युद्ध का तापमान झेल रहे दोनों देशों के नेताओं के व्यक्तित्व के बीच का अंतर भी स्पष्ट हो रहा है. जहां रूसी राष्ट्रपति (Vladimir Putin) व्लादिमीर पुतिन सनकी, अहंकारी और पत्थरदिल खलनायक के तौर पर सामने आए हैं, वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने प्रतिकूल परिस्थितियों में अपनी विवेक, साहस, शांत और आत्मविश्वास की करिश्माई छवि पेश की है. यदि यह युद्ध केवल सोशल मीडिया तक ही सीमित होता, तो जेलेंस्की निर्विवाद रूप से इसके विजेता होते.
सोशल मीडिया ने आज की जंग को एक नया मंच दिया है. यह अरब देशों की जंग से चलन में आया और यूक्रेन संकट से पहले, अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण का भी सोशल मीडिया फीड पर खासा कब्जा रहा था. जब इस युद्ध के दस्तावेज तैयार होंगे तो उसमें ये भी लिखा जाएगा कि कैसे तमाम सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स के जरिए पल-पल की चीजें हमारे मोबाइल की स्क्रीन पर उभर रही थीं. बेशक इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. यूक्रेन क्राइसिस को लेकर हर घंटे सोशल मीडिया पर नए वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें कभी यूक्रेन के सैनिक अपने प्रियजनों के लिए सेल्फी वीडियो रिकॉर्ड करते दिखते हैं तो कभी सेंट पीटर्सबर्ग समेत अन्य जगहों पर युद्ध-विरोधी प्रदर्शनों की फुटेज नजर आती है. बल्कि 24 फरवरी को तड़के यूक्रेन पर आधिकारिक आक्रमण से पहले ही रूसी सेना की यूक्रेनी सीमाओं को घेरने की तैयारी टिकटॉक वीडियोज के जरिए सामने आ गई थी.
युद्ध में सोशल मीडिया की ताकत का इस्तेमाल करने वाले जेलेंस्की अकेले नहीं हैं
इन सब में टॉप पर रहीं रूस के खिलाफ कीव के प्रतिरोध के चेहरे जेलेंस्की की निडर सेल्फीज जिनमें वो मातृभूमि के लिए अपने प्यार को लगातार दर्शाते और यूक्रेन पर मंडराते बड़े खतरे के बारे में बताते नजर आए. यूक्रेन पर हमले के बीच वहां के राष्ट्रपति ग्राउंड जीरो से ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और अपनी ओर से पेश की गई चुनौती के जरिए कई दिल जीत चुके हैं. रूसी आक्रमण से एक शाम पहले सोशल मीडिया पर रिकॉर्ड किए गए अपने सबसे पहले संदेशों में से एक में जेलेंस्की ने रूसी जनता के नाम नौ मिनट का एक दिल छू लेने वाला संबोधन रिकॉर्ड किया. यूक्रेन के प्रेसिडेंट के यूट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में जेलेंस्की ने कहा – आपके यहां समाचारों में दिखाया जाने वाला यूक्रेन और वास्तविक जीवन का यूक्रेन – पूरी तरह से दो अलग देश हैं. इनके बीच का मुख्य अंतर यही है कि हमारा वाला असली है.
जेलेंस्की ने अपने यहूदीपन पर जोर देते हुए इस वीडियो में पूछा कि मैं नाजी कैसे हो सकता हूं. उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे रूसी प्रोपेगेंडा, जिसमें उनको आक्रमणकारी बताया गया है, पर कहा कि आपको ये जानकारी दी गई है कि मैं डोनबास पर बमबारी करने जा रहा हूं. लेकिन बम किस पर गिराउंगा! क्या मैं उस स्टेडियम पर बमबारी करूंगा, जहां स्थानीय लोगों के साथ मैंने यूरो 2012 में हमारी टीम के लिए खुशी मनाई? उस बार पर बम गिराऊंगा जहां हम हारने पर पीने गए. लुगांस्क, जहां मेरे सबसे अच्छे दोस्त की मां रहती हैं. जोश और ईमानदारी से भरे राष्ट्रपति के भावनात्मक संबोधन ने उन्हें क्रेमलिन में उग्र और अहंकारी पुतिन से कई सौ कदम आगे लाकर खड़ा कर दिया है. अमेरिका की इस पेशकश पर कि वह उन्हें और उनके परिवार को देश से निकलने में मदद कर सकता है, जेलेंस्की ने निडरता से कहा कि मुझे सवारी नहीं, अपने देश के लिए गोला-बारूद चाहिए. उनके इस निर्भीक जवाब ने दुनिया को दिखा दिया कि एक सच्चा नेता कैसा दिखता है और कैसे बोलता है. इस कठिन समय में, राष्ट्रपति जेलेंस्कीन केवल यूक्रेन के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी उम्मीद का प्रतीक बन गए हैं.
वैसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे खराब युद्धों में से एक युद्ध में सोशल मीडिया की ताकत का इस्तेमाल करने वाले जेलेंस्की अकेले नहीं हैं. स्वतंत्र रूसी पत्रकार इल्या वर्ल्मोव ने यूक्रेन में रूस की आक्रामकता का दस्तावेजीकरण करने के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल किया है. रूसी टिकटॉकर निकी प्रोशिन ने देश में युद्ध-विरोधी प्रदर्शन के वीडियो पोस्ट किए हैं. यूक्रेन की इंफ्लुएंसर अन्ना प्रितुला ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर यूक्रेन पर मिसाइलों के हमले के फुटेज शेयर किए हैं. 24 फरवरी को मध्यरात्रि के बाद से, जब यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू हुआ था, मैसेजिंग सर्विस सिग्नल के प्रयोग में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. मैसेजिंग सर्विस का एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का वादा इसे यूक्रेन में नागरिकों द्वारा सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले ऐप में से एक बना रहा है, जो लगातार एक-दूसरे को भोजन से लेकर बंकर तक जैसे संसाधनों की उपलब्धता के बारे में अपडेट कर रहे हैं.
जेलेंस्की ने दिखाया है कि मुसीबत के समय में ट्विटर कैसे काम आ सकता है
फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग ऐप पर यूक्रेन के शहर तेजी से हैशटैग बन रहे हैं. ये तमाम मंच यूक्रेन के ताजा हालात के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद कर रहे हैं. दूसरे शब्दों में समझें तो यूक्रेन पर हमले की कहानी को रूस नहीं, दरअसल सोशल मीडिया हैंडल नियंत्रित कर रहे हैं. इन वीडियो के वायरल होने और लाखों व्यूज बटोरने का मुकाबला अब रूसी सेना यूक्रेन की इंटरनेट सेवा को बंद करके कर रही है. यूक्रेन के एक मंत्री ने ट्विटर पर रूसी हमले के बीच इंटरनेट सेवा बाधित होने की सूचना दी. इस मामले को बिजनेस टायकून एलन मस्क ने जल्द ही संज्ञान में लिया और कुछ ही घंटों में उन्होंने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में अपनी स्पेस एक्स की स्टारलिंक उपग्रह ब्रॉडबैंड सेवा एक्टिव कर दिया. यूक्रेन के हालात को दुनिया के सामने लाने और इसे इतिहास में दर्ज कराने को लेकर ट्रांसपेरेंट सोशल मीडिया के बहुत सारे लाभों को सूचीबद्ध किया जा सकता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं. वैसे सोशल मीडिया पर यह अति-निर्भरता गलत सूचनाओं का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है.
उदाहरण के लिए, युद्ध शुरू होने के साथ ही वायरल हुए एक टिकटॉक वीडियो में एक 'रूसी' सैनिक पैराशूट के जरिए यूक्रेन के इलाकों में उतरते हुए नजर आ रहा है. इससे पहले कि ये खुलासा होता कि यह वीडियो 2016 का था, इसे 20 मिलियन बार देखा जा चुका था. इसके अलावा, कुछ लोग इस क्राइसिस का सोशल मीडिया के जरिए फायदा भी उठा रहे हैं. ऐसे ही एक चैरिटेबल हैंडल ने यूक्रेन में मदद के नाम पर ऑनलाइन 400,000 डॉलर से भी ज्यादा की राशि जुटा ली. बाद में पता लगा कि यह तो एक स्कैम था. वहीं रूस ने भी इस लड़ाई में अपनी जगह और युद्ध की कहानी में अपना पक्ष सही बनाए रखने के लिए प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी ताकत झोंक दी है.
हालांकि सोशल मीडिया के ऐसे कई नुकसान हैं लेकिन जेलेंस्की ने दिखाया है कि मुसीबत के समय में ट्विटर कैसे काम आ सकता है. फाइनेंशियल टाइम्स के मॉस्को ब्यूरो चीफ मैक्स सेडॉन ने ट्विटर पर लिखा है कि अपनी भूमिका को लेकर जेलेंस्की ने वाकई एक मिसाल पेश की है. उनमें ये गुण कुदरती हैं. हालांकि ये देखना अभी बाकी है कि इस युद्ध का नतीजा क्या रहेगा लेकिन संशय इसी बात का है कि यूक्रेन पर पुतिन अपना कब्जा जमाने में सफल रहेंगे. वहीं जेलेंस्की में यूक्रेन की निर्भीकता साफ दिखाई दे रही है. सीधे अपने फोन में देखते हुए, रिकॉर्ड बटन दबाते हुए और सच बोलते हुए – यूक्रेन के राष्ट्रपति इस अराजक समय में विवेक और साहस की आवाज के रूप में उभरे हैं. उनके रूप में हमारे पास एक सच्चा युद्धकालीन नेता है. उम्मीद है कि बाकी दुनिया समय रहते उनकी आवाज को सुनेगी.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, आर्टिकल में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं.)
Next Story