- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- Russia Ukraine War :...
सम्पादकीय
Russia Ukraine War : पुतिन का लक्ष्य पूरे यूक्रेन पर कब्ज़ा नहीं, अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करना है
Gulabi Jagat
1 April 2022 9:10 AM GMT

x
पश्चिमी देशों में बैठे समीक्षक यूक्रेनी सशस्त्र बलों के साथ-साथ नागरिकों को भी हथियारों से लैस कर रहे हैं
जहांगीर अली.
मॉस्को द्वारा यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के अपने पहले चरण की समाप्ति की घोषणा के साथ, पूर्वी यूरोप (Eastern Europe) में युद्ध के नवीनतम नियंत्रण-क्षेत्र के मैप से पता चलता है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की सेना यूक्रेन के साथ देश की लंबी सीमा पर बफर ज़ोन बनाने में कामयाब रही है. बफर ज़ोन चेर्निहाइव और खार्किव से कीव के उत्तर-पूर्व में, पूर्व में लुहान्स्क और डोनेट्स्क तक, दक्षिण-पूर्व में मेलिटोपोल और मारियुपोल और देश के दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में खेरसॉन और मायकोलाइव तक है. कीव सहित कई अन्य शहरों पर रूसी सेना के हमले जारी हैं, जिन्हें कुछ क्षेत्रों में प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है.
जबकि पश्चिमी देशों में बैठे समीक्षक यूक्रेनी सशस्त्र बलों के साथ-साथ नागरिकों को भी हथियारों से लैस कर रहे हैं. वे इस बात से उत्साहित हैं कि राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के नेतृत्व में यूक्रेन ने मजबूती के साथ हमलावरों का सामना किया है, जबकि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यूक्रेन का पूरी तरह से कब्ज़ा करना राष्ट्रपति पुतिन का घोषित उद्देश्य कभी नहीं था. जब उन्होंने 24 फरवरी को युद्ध की घोषणा करते हुए अपने उद्देश्यों को रेखांकित किया, तो पुतिन ने यूक्रेन के राजनीतिक नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की मांग करते हुए उसके 'विसैन्यीकरण और अस्वीकरण' का आह्वान किया. रूसी हमले को नैतिक तौर पर सही ठहराने के लिए उन्होंने आम यूक्रेनियन से 'एकता' की अपील करते हुए रूस के साथ उनके सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों का हवाला दिया.
पुतिन युद्ध की समाप्ति की तरफ बढ़ रहे हैं
दूसरी तरफ ज़ेलेंस्की ने कई सेल्फी वीडियो और इंटरव्यू के माध्यम से खुद को यूक्रेन में रूस के खिलाफ प्रतिरोध के चेहरे के तौर पर पेश किया. उन्होंने खुद को उस राजनीतिक व्यवस्था का केंद्र बना लिया जो अपने देश एक साथ रख सकती है. अगर ज़ेलेंस्की को सीन से हटा दिया जाए, तो क्या यूक्रेन बच जाएगा? यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि ज़ेलेंस्की को बाहर निकालने के लिए राजधानी कीव के आसपास रणनीतिक क्षेत्रों में हवाई बमबारी सहित हत्या के कई प्रयास विफल रहे हैं. हालांकि ये लक्ष्य हासिल होने से कोसों दूर नजर आ रहे हैं. प्रमुख यूक्रेनी शहरों की घेराबंदी और रूस-यूक्रेन सीमा के साथ रणनीतिक शहरों और क्षेत्रों पर कब्जा, सुरक्षा बलों के ज्वाइंट ऑपरेशन की स्पष्ट अनुपस्थिति और एयर पावर का सीमित प्रयोग से स्पष्ट है कि पुतिन युद्ध की समाप्ति की तरफ बढ़ रहे हैं.
इन सीमित उपलब्धियों के लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ी है. रूस ने पहली बार स्वीकार किया है कि युद्ध में उसके एक हजार से अधिक सैनिक मारे गए हैं. एक अनुमान बताता है कि रूस के सैनिकों ने पिछले महीने आक्रमण शुरू होने के बाद से 15 फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट, 35 हेलीकॉप्टर और 270 मुख्य युद्धक टैंक सहित 1,700 से अधिक वाहन खो दिए हैं. उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का अनुमान इससे कहीं अधिक है, उसके अनुसार युद्ध के दौरान 7,000 से 15,000 रूसी सैनिक मारे गये हैं, जबकि बंदी बनाए गए, घायल या लापता लोगों का अनुमान 30,000 से 40,000 के बीच आंका गया है. बढ़ते नुकसान ने पुतिन को अपनी युद्ध रणनीति बदलने के लिए मजबूर किया. रूसी सेना अब उन प्रमुख शहरों की घेराबंदी पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां वे प्रतिरोध का सामना कर रहे हैं. अब रणनीति यह होगी कि घेराबंदी वाले इलाकों में सैनिकों के सप्लाई लाइन को मजबूत किया जाए, जबकि घेराबंदी लंबे समय तक कायम रखा जाए ताकि स्थानीय लोगों का जीवन मुश्किल हो सके.
लेखक और सैन्य मामलों के एक्सपर्ट जस्टिन ब्रोंक ने अल जज़ीरा पर कहा, '1990 के दशक में ग्रोज़्नी, चेचन्या, होम्स और अलेप्पो और 2010 के मध्य में सीरिया के रूसी अनुभव बताते हैं कि सिलसिलेवार तरीके से की गई घेराबंदी शहरों पर कब्जा करने का क्रूर लेकिन प्रभावी तरीका है. हालांकि, इससे स्थानीय लोग स्थायी तौर पर विजेता से घृणा करने लगते हैं और अधिकृत क्षेत्रों में लंबे समय तक राजनीतिक सफलता असंभव हो जाती है, जब तक कि आबादी पूरी तरह से बाहर नहीं निकल जाती या समाप्त नहीं कर दी जाती.' इस बीच, यूक्रेन की सीमा पर रूसी बलों द्वारा बनाए गए बफर जोन से पुतिन के देश में किसी भी घुसपैठ या हमलों को नाकाम किया जा सकेगा. यह यूरोप के खिलाफ रूसी राष्ट्रपति के बफर के तौर पर काम करेगा. यह यूक्रेन पर पुतिन की युद्ध की घोषणा के निहित उद्देश्यों में से एक था.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, आर्टिकल में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं.)

Gulabi Jagat
Next Story