सम्पादकीय

Russia Ukraine War : यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस में व्लादिमीर पुतिन का राजनीतिक भविष्य अब दांव पर है?

Gulabi
5 March 2022 6:31 AM GMT
Russia Ukraine War : यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस में व्लादिमीर पुतिन का राजनीतिक भविष्य अब दांव पर है?
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कहते हैं कि जब तक विरोध आक्रोश का रुख अख्तियार न कर ले तब तक बगावत नहीं हो सकती
अरूप घोष.
कहते हैं कि जब तक विरोध आक्रोश का रुख अख्तियार न कर ले तब तक बगावत नहीं हो सकती. और रूसी (Russia) राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) यह जानते हैं. इसलिए, आंतरिक असंतोष और यूक्रेन (Ukraine) में सैन्य अभियान के खिलाफ प्रतिरोध के बावजूद इस बात की बहुत कम संभावना है कि ये विरोध क्रेमलिन के खिलाफ एक सार्थक विद्रोह में तब्दील होगा. इसके अलावा, रूस में मतों का पीढ़ीगत विभाजन देखने को मिलता है. सोवियत संघ के पतन के दौर से गुजरने वाले रूसी अभी भी अपनी किस्मत और प्रतिष्ठा के नुकसान की टीस को भुला नहीं पाए हैं.
पुतिन ऐसे लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं. लेकिन पुतिन कब तक टिके रह सकते हैं? वह कितना आगे जाएंगे? रूसी समाज के इस गहरे विभाजन में कुछ जवाब छिपे हुए हैं. पुतिन के खिलाफ तीन मुद्दे काम कर रहे हैं. एक, गंभीर वित्तीय प्रतिबंध जो रूस की अर्थव्यवस्था को पंगु बना सकता है. दूसरा, यूक्रेन में लाखों रूसियों के मित्र और रिश्तेदार हैं और इस आक्रमण ने उन्हें झकझोर दिया है. तीसरा, युवा पीढ़ी को डर है कि पश्चिम उनके आने-जाने की आज़ादी और रोजगार के अवसर को कम कर देगा. वे अकेले या अलग-थलग नहीं होना चाहते.
रूस का विशाल बहुमत अभी भी क्रेमलिन का समर्थन कर रहा है
हालांकि, एक जनमत सर्वेक्षण से पता चलता है कि रूस का विशाल बहुमत अभी भी क्रेमलिन का समर्थन कर रहा है और वर्तमान संकट के लिए पश्चिम को कसूरवार ठहरा रहा है. एकमात्र स्वतंत्र मतदान एजेंसी लवाडा ने ये जनमत सर्वेक्षण करवाया है. कई रूसी अभी भी क्रेमलिन के उस विमर्श से संतुष्ट है जिसके तहत ये कहा जा रहा है कि पश्चिमी ताकत रूस को बर्बाद करना चाहता था, नतीजतन रूस को इन शक्तियों के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. 2021 में एक सर्वेक्षण में पाया गया था कि केवल 43 प्रतिशत लोगों का मानना था कि रूस को पूर्वी यूक्रेन के संघर्ष में हस्तक्षेप करना चाहिए. इसकी तुलना में, लगभग 86 प्रतिशत लोगों ने 2014 में क्राइमिया, जो कि यूक्रेनी क्षेत्र हुआ करता था, पर कब्जा करने पर पुतिन का समर्थन किया. गौरतलब है कि उस समय एक भी गोली नहीं चलाई गई थी.
इसके साथ ही साल 2014 से असहमति को कुचलने के लिए कानून को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. अधिकारियों की अनुमति के बिना प्रदर्शन करना कानून के खिलाफ है. पहली बार अपराध करने पर 14 दिनों की नजरबंदी हो सकती है. बार-बार उल्लंघन करने पर पांच साल की कैद का प्रावधान है. कुछ ऐसी सार्वजनिक हस्तियां या इंफ्लूएंसर अगर क्रेमलिन के खिलाफ बोलने की हिम्मत जुटाते हैं, तो इसके नतीजे भयानक हो सकते हैं. सात साल पहले, क्राइमिया पर रूस के अवैध कब्जे के खिलाफ बोलने के बाद विपक्षी राजनेता बोरिस नेम्त्सोव की हत्या क्रेमलिन के पास एक पुल पर कर दी गई थी.
रूस की सबसे लोकप्रिय मीडिया हस्तियों में से एक, यूरी ड्यूड ने कहा कि उन्होंने " इस शासन के लिए वोट नहीं दिया" जिसे एक साम्राज्य की आवश्यकता है और वे इसलिए शर्मिंदा महसूस करते हैं. उनके इस पोस्ट को 24 घंटों में लगभग एक मिलियन लाइक मिले. पुतिन के पीछे मजबूती से खड़े रहने वाले रूस के संस्कृति और खेल से जुड़े अभिजात वर्ग ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है. एक प्रसिद्ध गायक वालेरी मेलडेज़ ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने युद्ध को रोकने के लिए रूस से आग्रह किया. रूसी अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबॉल खिलाड़ी फ़्योडोर स्मोलोव ने अपने इंस्टाग्राम चैनल पर पोस्ट किया: "नो टू वॉर !!!"
रूस में असंतोष की लहरें बढ़ रही हैं
रूस के सबसे बड़े निजी बैंक अल्फा-बैंक के संस्थापक मिखाइल फ्रिडमैन ने इस "त्रासदी" और "रक्तपात" को समाप्त करने का आह्वान किया. "यह रूस के बारे में नहीं है. यह पुतिन के बारे में है… और उनके आसपास के लोगों के इस छोटे से सर्कल के बारे में है जो इस देश पर हावी हैं," रूसी सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ मार्क गेलोटी ने वोक्स को बताया. "यह बुजुर्गों के एक ऐसे समूह जैसा है जो इस तथ्य से पूरी तरह से उबर नहीं सका है कि वे अब एक महाशक्ति नहीं रहे."
अटलांटिक काउंसिल के लिए यूरोप के विशेषज्ञ टिमोथी ऐश ने लिखा, "पुतिन ने अपनी छवि को बढ़ाया ही है… जो वे चाहते हैं वही होता है और उनके पास पोकर प्लेयर की तरह सभी पत्ते होते हैं." रूस के विशेषज्ञ और व्हाइट हाउस के पूर्व सलाहकार फियोना हिल ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, "यह व्यक्तिगत रूप से उनके बारे में है – उनकी विरासत, खुद के बारे में उनका दृष्टिकोण, रूसी इतिहास के बारे में उनका दृष्टिकोण." फिर भी, असंतोष की लहरें बढ़ रही हैं और अब यह लहर रूसी सेना में भी फैल गई है. पेंटागन ने बताया कि रूसी सैनिकों ने अपने वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी है और बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण कर रहे हैं.
एक ब्रिटिश खुफिया फर्म शैडोब्रेक ने एक रेडियो क्लिप को इंटरसेप्ट किया. इस क्लिप में युद्ध में रूसी सैनिकों के रोने, आदेशों का पालन करने से इनकार करने और आपूर्ति की कमी की शिकायत करने की आवाज़ को रिकार्ड किया गया है. The New Voice of Ukraine के रिपोर्ट के मुताबिक एफएसबी (पुतिन के अपने केजीबी के उत्तराधिकारी) के अंदर रूसियों ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और अन्य को मारने के लिए भेजे गए दो चेचन हत्यारों की खुफिया जानकारी यूक्रेन को दी थी.
युद्ध को लेकर आम जनता काफी चिंतित है
खुले पत्र और स्वतंत्र याचिकाएं चारों तरफ देखे जा सकते हैं. OVD-Info की रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध विरोधी प्रदर्शनों में कम से कम 5,611 लोगों को नज़रबंद किया गया था. द नेशन में फिनले मुराटोवा लिखते हैं कि याचिका (युद्ध-विरोधी) पर अब तक नौ लाख से अधिक हस्ताक्षर हो चुके हैं. OVD-Info Monitor के अनुसार, पुलिस ने 53 रूसी शहरों में कम से कम 1,702 लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रदर्शनकारियों की अधिकांश गिरफ्तारियां मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में की गईं. उदारवादी विचारधारा वाले कार्यकर्ता एक ऐसे आंदोलन का नेतृत्व कर सकते थे जो सत्ताधारियों को कुछ हद तक पीछे धकेल सकता था. लेकिन उन्हें या तो निर्वासित कर दिया गया या जेल में डाल दिया गया है.
असंतोष का सबसे प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय चेहरा, अलेक्सी ए नवलनी ने चेतावनी दी थी कि "रूस युद्ध, गंदगी, झूठ के लिए एक सामान्य समृद्ध जीवन के ऐतिहासिक अवसर को गंवाने वाला था." गंभीर तथ्य यह है कि नवलनी जेल में है और संभावना है कि अगले 15 साल वो जेल में ही रहेंगे. इसलिए कुल मिलाकर रूसी इस विलय का समर्थन करने के लिए तैयार थे, लेकिन एक लंबे समय से चलने वाले युद्ध को लेकर आम जनता काफी चिंतित है.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, आर्टिकल में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं.)
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