सम्पादकीय

कश्मीर पर रूस है साथ

Subhi
8 Feb 2022 3:52 AM GMT
कश्मीर पर रूस है साथ
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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की हालिया चीन यात्रा के अंत में जारी दोनों देशों के संयुक्त घोषणापत्र में कई बातें गौर करने लायक हैं। 'चीन-पाक कॉरिडोर' का जिस तरह से जिक्र करते हुए उस पर काम तेज करने की बात कही गई है |

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की हालिया चीन यात्रा के अंत में जारी दोनों देशों के संयुक्त घोषणापत्र में कई बातें गौर करने लायक हैं। 'चीन-पाक कॉरिडोर' का जिस तरह से जिक्र करते हुए उस पर काम तेज करने की बात कही गई है, वह तो ध्यान खींचता ही है, उससे भी बड़ी बात यह कि दोनों देशों के संयुक्त बयान में कश्मीर मसले का भी उल्लेख किया गया है। जिसे बार-बार चीन-पाक कॉरिडोर कहा जा रहा है, वह वास्तव में भारत के उन इलाकों से होकर गुजरता है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है। जाहिर है, ऐसे में उस क्षेत्र में दोनों देशों का कोई समझौता भारत को मान्य नहीं होगा। वैसे, इस संयुक्त बयान की ज्यादा अहमियत इस बात में है कि इसमें कश्मीर के सवाल को न केवल जगह दी गई है बल्कि उस पर दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े नजर आने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें चीन को यह कहते बताया गया है कि वह इस पर एकतरफा तौर पर की जाने वाली ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करता है, जो मामले की जटिलता बढ़ा दे। लेकिन भारत बार-बार कहता रहा है कि कश्मीर और लद्दाख उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। यह भी कि कश्मीर को लेकर जो भी विवाद है, वह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है और दोनों देश इसे आपस में मिलकर सुलझाएंगे।

ऐसे में चीन-पाकिस्तान की बातचीत में कश्मीर मसला उठाए जाने का कोई तुक नहीं है। सभी जिम्मेदार देश अब तक कश्मीर को भारत-पाकिस्तान के बीच का आपसी मामला ही मानते रहे हैं। ताजा उदाहरण रूस का है, जिसने एक मीडिया आउटलेट की डॉक्युमेंट्री पर हुए विवाद के मद्देनजर अपना स्टैंड साफ किया है। मामला दरअसल बर्लिन स्थित एक डिजिटल विडियो ऑर्गनाइजेशन की एक डॉक्युमेंट्री का है, जिसका प्रसारण 11 फरवरी को होना है। कहा जा रहा है कि इसमें कश्मीर की तुलना फिलस्तीन से की गई है। चूंकि इस मीडिया ऑर्गनाइजेशन को रूस समर्थित बताया जा रहा था, इसलिए विवाद बढ़ते देख रूस ने खुद को इससे अलग करते हुए बताया कि न तो उसका इस विडियो कंटेंट से कोई लेना-देना है और न ही कश्मीर को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव हुआ है। रूस के दिल्ली स्थित दूतावास ने कहा कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है और भारत-पाकिस्तान मिलकर इसका हल निकालेंगे।

नवभारत टाइम्स

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