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वर्ष 2018 में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किए गए एक शोध में यह बताया गया कि भारत की 54 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं है। ये आंकड़े देश के लिए स्वास्थ्यवर्धक नहीं हैं। इसलिए देशवासियों में शारीरिक सक्रियता को बढ़ाने के लिए जागरूकता की तरफ बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। एक सक्रिय शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता एक निष्क्रिय शरीर से कहीं अधिक होती है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए फिट इंडिया कार्यक्रम से भी इस जागरूकता को घर-घर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है । मानव शरीर को सक्रिय रखने के लिए किसी भी प्रकार का व्यायाम, सुबह की सैर या फिर दौड़ बहुत उपयोगी क्रियाएं होती हैं। नित्य व्यायाम और सैर करने से शरीर को मिलने वाले फायदों को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन यह भी सत्य है कि सुबह उठकर दौड़ लगाने से मिलने वाले लाभों की फेहरिस्त इनसे कहीं अधिक लंबी है। व्यायाम, सैर और दौड़ने जैसी शारीरिक क्रियाओं में से अगर किसी क्रिया को सबसे अधिक मुश्किल समझा जाता है तो वो भी दौड़ ही है। सुबह उठकर दौड़ने के लिए शारीरिक ताकत से कहीं अधिक मानसिक ताकत की आवश्यकता होती है, लेकिन जब एक बार हम इससे मिलने वाले लाभों को महसूस करने लग पड़ते हैं तो सुबह जल्दी उठकर दौड़ लगाना न केवल काफी आसान हो जाता है, बल्कि इससे खुद को रोक पाना भी मुश्किल हो जाता है। दौड़ हो या अन्य किसी भी तरह का व्यायाम, उसको करने से हमारे शरीर में प्रचुर मात्रा में एंडोर्फिन हार्मोन का निर्माण होता है जिसे फील गुड हार्मोन भी कहते हैं, क्योंकि इससे इनसान को खुशी और आनंद की अनुभूति होती है।