सम्पादकीय

अराजकता की सड़क

Subhi
14 Feb 2023 4:45 AM GMT
अराजकता की सड़क
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Written by जनसत्ता: इस पर चिंता जताने से लेकर यातायात व्यवस्था में सुधार के उपाय किए जाते रहे हैं। लेकिन एक विचित्र प्रवृत्ति यह देखी जा रही है कि कोई व्यक्ति जानबूझ कर न केवल नियम-कायदों को धता बता कर वाहन चलाता है, बल्कि जांच या किसी अन्य वजह से रोके जाने पर आपराधिक तरीके से अराजक हो जाता है और किसी व्यक्ति या वाहन को जानलेवा तरीके से टक्कर मारने या काफी दूर तक घसीटने तक की हरकत कर बैठता है।

गौरतलब है कि दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में शनिवार को कार चलाते हुए एक युवक ने नियम के मुताबिक सीट बेल्ट नहीं लगा रखा था। जब एक यातायात पुलिसकर्मी ने उसे वाहन रोकने का संकेत किया तो उसने उसे टक्कर मार दी। यही नहीं, पुलिसकर्मी किसी तरह बचने के लिए कार की बोनट पर लटक गया तो युवक उसे अपनी कार से लगभग पांच सौ मीटर तक घसीटता चला गया। किसी तरह उस कार को रोका गया और पुलिसकर्मी का जान बच सकी। यह समझना मुश्किल है कि कोई आम आदमी भी ऐसी हरकतें क्यों कर बैठता है जो कानूनन गलत और अपराध हैं।

दरअसल, इस घटना में कई ऐसे पहलू हैं, जो इसे किसी हादसे या अचानक प्रतिक्रिया से अलग करते हैं। कार या कोई निजी वाहन रखने के साथ उसे चलाने से संबंधित सभी नियम-कायदों की जानकारी रखना और उस पर अमल करना एक सहज सलीका होना चाहिए। यह न सिर्फ यातायात व्यवस्था को सामान्य बनाए रखने के लिए, बल्कि खुद वाहन में सवार सभी लोगों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।

मसलन, कार में सीट बेल्ट पहनना इसलिए जरूरी है, ताकि दुर्घटना या अन्य स्थितियों में वाहन में मौजूद लोगों को होने वाले नुकसान की आशंका को कम किया जा सके। लेकिन हैरानी यह है कि दिल्ली की ताजा घटना में इस नियम को ताक पर रख कर वाहन चला रहे व्यक्ति ने इसके लिए रोकने वाले पुलिसकर्मी को जानलेवा तरीके से घसीटा। यह अपने आप में सड़क पर नियम-कायदों के मुताबिक वाहन चलाने के बजाय कुछ चालकों के भीतर बढ़ती अराजकता और आपराधिक प्रवृत्ति का संकेत है।

विडंबना यह है कि ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिसमें वाहन में बैठा कोई व्यक्ति इस बात की फिक्र करना जरूरी नहीं समझता कि उसकी ऐसी अराजकता से किसकी जान जा रही है। वाहन की जांच या नियमों के उल्लंघन पर रोकने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों को भी घसीटने के कई मामले सामने आ चुके हैं।

इसके अलावा, कुछ समय पहले दिल्ली में एक युवती को करीब बारह किलोमीटर तक घसीटने से हुई मौत की बेहद अफसोसनाक घटना सामने आई थी। रविवार को मेरठ-दिल्ली मार्ग पर एक कंटेनर चालक ने बेहद मामूली बात पर जानबूझ कर एक कार को टक्कर मारी और उसे पांच सौ मीटर तक घसीटता गया। यह वक्त के साथ ज्यादा संसाधनों और सुविधाओं से लैस होते समाज की हकीकत है, जिसमें कुछ लोग कानून और नियमों का पालन करने के बजाय रुतबे के वहम में अराजक हो जाने में अपनी शान समझते हैं।

ऐसे लोगों का बेलगाम बर्ताव कई बार न केवल दूसरों के लिए घातक या जानलेवा होता है, बल्कि इससे खुद उनकी जान भी जा सकती है। नियम-कायदों का पालन एक जिम्मेदार नागरिक होने की पहचान है और इसके प्रति लापरवाही एक झटके में या तो किसी की जान ले लेता है या फिर वाहन चालक को अपराध के कठघरे में खड़ा कर देता है।




क्रेडिट : jansatta.com

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