सम्पादकीय

महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में बढ़ा कोरोना के दूसरी लहर का खतरा

Gulabi
22 Feb 2021 6:30 AM GMT
महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में बढ़ा कोरोना के दूसरी लहर का खतरा
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महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक से मिल रही सूचनाएं चिंता बढ़ाने वाली हैं।

महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक से मिल रही सूचनाएं चिंता बढ़ाने वाली हैं। इन तीनों राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैँ। इस कारण गुजरात में अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में रात के कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी गई है। मुंबई में मामले फिर भड़ रहे हैं और कर्नाटक में इसी करण कंटेनमेंट जोन का सिस्टम फिर से लागू किया गया है। महाराष्ट्र में दूसरी जगहों पर भी कोरोना वायरस म्युटेशन के कई मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विदर्भ के तीन जिले यवतमाल, अकोला और अमरावती के बड़े इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित करने और लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों को लगाने का आदेश दिया है। विदर्भ क्षेत्र के 11 जिलों के कलेक्टरों ने भी बढ़ते मामले को देखते हुए कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। गौरतलब है कि संपूर्ण लॉकडाउन के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी है।


विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में म्यूटेशन के व्यवहार को लेकर ये बात साफ नहीं हो सकी है कि यह कितना तेज या धीरे फैलता है। इसलिए म्यूटेशन को वायरस का अलग स्ट्रेन कहना जल्दबाजी होगी। अमरावती में शनिवार रात 8 बजे से लेकर सोमवार सुबह 7 बजे तक लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन के दौरान बाजार और अन्य प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। बीएमसी ने मुंबई में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सख्ती से नियमों का पालन कराने और कोविड-19 प्रोटोकॉल को और सख्त कर दिया है। जाहिर है, कई जगहों पर कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए फिर से कड़े कदम उठाने पड़े हैं। बीएमसी ने कहा है अगर किसी इमारत में पांच या उससे अधिक मामले मिलते हैं, तो वह सील कर दी जाएगी। होम क्वारंटीन किए मरीज के हाथों पर स्टांप लगाए जाएंगे। लोकल ट्रेन में बिना मास्क यात्रा करने वाले पर कड़ी नजर रखी जाएगी और इस काम के लिए तीन सौ मार्शल नियुक्त किए जाएंगे। उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो मास्क नहीं लगा रहे हैं। यानी फिर से प्रतिबंध और भय का माहौल लौट आया है। इन हालात के मद्देनजर पूरे देश के लिए चिंता और फिर से सावधानी पर जोर देने की जरूरत है। कोरोना वायरस संक्रमण का दूसरा दौर कई देशों में आया है। भारत में भी इसकी आशंका खारिज नहीं की जा सकती।


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