सम्पादकीय

सुविधा के जोखिम

Subhi
19 Sep 2022 5:37 AM GMT
सुविधा के जोखिम
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वर्तमान समय में एक ऐसा इलेक्ट्रानिक अपराध है, जिसके जरिए कुछ ही पलों के भीतर समय चोरी से टेक्नोलाजी के गलत इस्तेमाल से बैंक खाते से पैसा निकाल लिया जा सकता है

Written by जनसत्ता; वर्तमान समय में एक ऐसा इलेक्ट्रानिक अपराध है, जिसके जरिए कुछ ही पलों के भीतर समय चोरी से टेक्नोलाजी के गलत इस्तेमाल से बैंक खाते से पैसा निकाल लिया जा सकता है, वाट्सऐप और मोबाइल के जरिए ओटीपी हासिल कर जरूरी ब्योरे, रुपए-पैसे और गोपनीय दस्तावेज की चोरी कर ली जाती है। वर्तमान समय में कई वर्षों से इस तरह के अपराध हमारे समाज को खोखला कर रहे हैं और ऐसी घटना के शिकार समाज के भोले-भाले लोग होते हैं। अक्सर होने वाली घटनाओं के होने से हमारे समाज में दहशत का माहौल एवं तनाव भरा जीवन बन रहा है।

हालांकि अब पुलिस और उसके साइबर विभाग के सहारे अपराधी तक पहुंचना कुछ आसान हो गया है, लेकिन अभी भी इस तरह के अपराध से निपटने के लिए व्यापक कोई ठोस, सुगम उपाय असंभव प्रतीत हो रहा है। ऐसे मे ज्यादा से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि साइबर अपराधी सबको सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर तो किसी अन्य बहाने से कमजोर दिमाग वालों को अपने झांसे में ले रहे हैं। 'कौन बनेगा करोड़पति' में पैसे जीतने के लिए फर्जी काल किए जा रहे हैं। ऐसे अपराधी खुद को बैंक का अधिकारी बता कर लोगों से ओटीपी, क्यूआर कोड जान लेते हैं और उसे हासिल कर ठगी को अंजाम देते हैं। बिजली काटने की चेतावनी भरा मैसेज रिचार्ज करने के लिए भेजा जाता है, तो कई बार वाट्सऐप काल करके उलझाया जाता है।

साइबर फर्जीवाड़े से बचाव के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है। अपनी व्यक्तिगत जानकारी कभी भी फोन पर साझा नहीं करना चाहिए। बैंक के अधिकारी लोगों से फोन पर कोई भी जानकारी कभी नहीं मांगते हैं। यह हमेशा ध्यान रखने की जरूरत है कि गूगल पर मौजूद कस्टमर केयर, रिचार्ज नंबर पर भरोसा नहीं करना चाहिए। अपने एटीएम कार्ड के ब्योरे की जानकारी किसी से साझा नहीं करना चाहिए।

सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति से दोस्ती करने से पहले खूब सोच लेना चाहिए। अगर किसी के साथ कोई घटना हो तो तुरंत सहायता नंबरों पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। सरकार को चाहिए कि साइबर अपराध से निपटने के लिए वह बेहतरीन बुनियादी ढांचा बनाए इसके लिए प्रशिक्षण आधारित पुलिस बल को मजबूत बनाए। वक्त के साथ तकनीक के बढ़ते दखल की सुविधा है, मगर उसके खतरे से निपटने के भी पुख्ता इंतजाम होने चाहिए।


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