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- कोविड-19 की रोकथाम में...
डॉ. सुरजीत सिंह। यह अच्छा हुआ कि जी-7 देशों के मंच से इस पर जोर दिया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन अर्थात डब्ल्यूएचओ कोरोना उत्पत्ति का पता लगाए। इस दबाव का नतीजा यह रहा कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख को भी यह कहना पड़ा कि चीन कोरोना वायरस के स्नेत की तह तक पहुंचने में सहयोग करे। डब्ल्यूएचओ तभी से कठघरे में है, जबसे वह कोविड-19 महामारी को रोकने में नाकाम रहा। उसने कोविड-19 को महामारी घोषित करने में काफी समय लिया और समय रहते यात्रओं पर प्रतिबंध लगाने के प्रति भी गंभीरता नहीं दिखाई। वुहान या चीनी वायरस नामकरण देने में ङिाझक उसकी भूमिका को और संदेहास्पद बना देती है। डब्ल्यूएचओ के चीन के प्रति पक्षपातपूर्ण व्यवहार के कारण ही पूरे विश्व में लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इससे पहले 2015 के पश्चिमी अफ्रीका के इबोला संकट के समय में भी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने में देरी के कारण उसे आलोचना का शिकार होना पड़ा था।