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- टीका नीति की समीक्षा...
जनता से रिश्ता वेबडेसक | सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर जो तीखी टिप्पणी की है, उसे संदर्भ से काटकर नहीं देखा जा सकता। कोर्ट ने पहले दो फेज में स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराने और बाद में 18-44 वर्ष उम्र समूह के लोगों से टीके की कीमत चुकाने के लिए कहने की नीति को पहली नजर में मनमाना और बेतुका बताया है। इतना ही नहीं, उसने वैक्सिनेशन की कथित लिबरलाइज्ड पॉलिसी के विभिन्न पहलुओं की विसंगतियों की ओर ध्यान दिलाया। यह भी कहा कि सरकार उठाए गए सवालों की रोशनी में टीकाकरण नीति की फिर से समीक्षा करे और दो हफ्ते में हलफनामा दायर कर अदालत को उसमें किए गए बदलावों की विस्तार से जानकारी दे। शीर्ष अदालत के इस कड़े रुख के पीछे निश्चित रूप से देश में पिछले कुछ समय से टीकाकरण को लेकर देखी जा रही अनिश्चितता और अव्यवस्था की स्थिति का भी हाथ है। न केवल टीके की अलग-अलग कीमतों को लेकर राज्य सरकारें केंद्र से शिकायत करती रही हैं बल्कि टीके की सप्लाई को लेकर भी अनिश्चितता का आलम रहा।